(भोपाल) एक सीएम ऐसे भी जिनके किस्से किताबों में
- 01-Nov-23 12:00 AM
- 0
- 0
भोपाल,01 नवम्बर (आरएनएस)। मध्यप्रदश के पुराने मुख्यमंत्रियों के कई किस्से मशहूर हुए हैं। एक किस्सा प्रकाश चंद्र सेठी से जुड़ा है। उस समय गुलाम नबी आजाद की शादी थी। आजाद की शादी में भाग लेने के लिए देशभर के दिग्गज नेता जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर पहुंच चुके थे। प्रकाशचंद्र सेठी भी उस शादी में शामिल होने के लिए सरकारी विमान से श्रीनगर गए थे। सेठी को रात को ही शादी में हिस्सा लेने के बाद वापस भोपाल लौटना चाहते थे, लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी बन गई कि उन्हें रात श्रीनगर में ही रुकना पड़ गया। शाम को उन्हें याद आया कि रात में पहनने के लिए उनका पजामा तो है ही नहीं। इसके बगैर उन्हें नींद नहीं आती थी। उन्होंने अपने स्टाफ को यह बात बताई और सरकारी विमान को पायजामा लेने के लिए करीब 1600 किलोमीटर दूर भोपाल तक भेज दिया। उस समय के लोग कहते हैं कि विमान से उनका पायजामा रात साढ़े नौ बजे श्रीनगर पहुंच गया था, जिसके बाद सेठजी ने वो पायजामा पहना और सोने चले गए। आज सेठीजी इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका यह किस्सा राजनीतिक गलियारों में ठहाकों के साथ सुनाया जाता है। उज्जैन में नगर पालिका अध्यक्ष से अपना राजनीतिक जीवन शुरु करने वाले प्रकाश चंद्र सेठी की किस्मत के दरवाजे धीरे-धीरे खुलने लगे थे। राज्यसभा सांसद त्रयम्बक दामोदर पुस्तके का निधन हो गया था। तब उपचुनाव के लिए उम्मीदवार की तलाश शुरु हुई। विंध्य क्षेत्र के कद्दावर नेता अवधेश प्रताप सिंह का दौर था। किसी को राज्यसभा भेजना था। उस दौर में कांग्रेस एक नेता को दो बार राज्यसभा नहीं भेजती थी। इसलिए अवधेश प्रताप सिंह का नाम काट दिया गया और सोनीजी के नाम पर मोहर लग गई। सोनी जी दिल्ली में क्या गए नेहरु सरकार में उपमंत्री भी बने। पीसी सेठी बड़े नेताओं के करीब होते चले गए। वह शास्त्री हों या इंदिरा जी, सेठीजी हर पीएम के हमेशा खास रहे। बुंदेलखंड वाले इलाकों में उस समय डाकुओं का आतंक था। तब पीसी सेठी मुख्मयंत्री थे। वे डकैत समस्या से इतने तंग आ गए थे कि वे अब इस समस्या का हल गांधीवादी तरीके से नहीं निकालना चाहते थे। गृह विभाग के बड़े अधिकारियों से जब उनकी मीटिंग हुई तो उनकी एक लाइन के पस्ताव से यहां सब हैरान रह गए। सेठी ने कहा था कि डकैतों के छिपने के ठिकानों पर इंडियर एयरफोर्स बम गिरा दे, तो टंटा ही खत्म हो जाएगा। नगरीय इलाकों में वायुसेना की तरफ से बम बारिश का ऐसा प्रस्ताव के बाद वहां काफी देर तक सन्नाटा पसरा रहा। लेकिन, पीसी सेठी अपनी बात पर अडे थे। दिल्ली के नार्थ ब्लाक से साउथ ब्लॉक पहुंचे और रक्षामंत्री जगजीवन राम के दफ्तर पहुंच गए। बाबूजी को कुछ कहा और मुस्कुराते हुए परमीशन ही ले आए। दसूरे ही दिन एयरफोर्स के हेड आफिस में ऑपरेशन की तैयारी शुरु हो गई। अनिल पुरोहित
Related Articles
Comments
- No Comments...