(भोपाल) कमलनाथ इस बार गठबंधन के मोर्च पर गच्चा खा गए

  • 27-Oct-23 12:00 AM

भोपाल,27 अक्टूबर (आरएनएस)। पिछली बार उन्होंने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से तालमेल कर महाकौशल की 13 आदिवासी सुरक्षित सीटों में से 12 में जीतने में सफलता प्राप्त की थी। इस तरह जय आदिवासी संग्ठन यानी जयस से तालमेल करने से कांग्रेस ने तब गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और जयस के एक-एक उम्मीदवार को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़वाया था। इसी का परिणाम यह हुआ कि महाकौशल और मालवा निमाड़ में भाजपा को भारी क्षति पहुंची और उसके हाथ से सत्ता फिसल गई। इस बार गठबंधन के मोर्च पर कमलनाथ कुछ नहीं कर सके। नतीजा यह कि समाजवादी पार्टी ने 42 उम्मीदवार और बहुजन समाज पार्टी ने गोंडवपाना गणतंत्र पार्टी के साथ तालमेल कर 88 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने भी 100 से अधिक उम्मीदवार उतार दिए हैं। यह सभी दल कांग्रेस को ग्वालियर चंबल अंचल, महाकौशल, विंध्य और बुंदेलखंड अंचल में नुकसान पहुंचाएंगे। भाजपा और कांग्रेस के बीच प्रदेश में कांटे की टक्कर रहती है। ऐसे में इन दलों ने भाजपा विरोधी मतों से पाँच फीसदी हिस्सा भी खींच लिया तो कांग्रेस के सत्ता में वापसी के सपने चूर-चूर हो जाएंगे। कुल मिलाकर कमलनाथ ने इस बार चुनावी रणनीति के मामले में अति आत्मविश्वास दिखाकर गलती कर ली। खास बात यह है कि उन्होंने चुनाव अभियान के चरण पर अखिलेश यादव को नाराज कर दिया। इससे समाजवादी पार्टी और आक्रामक होकर चुनाव अभियान में उतर गई है। बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का गठबंधन भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रहा है। मालवा और निमाड़ आंचल में जयस के लोकेश मुजाल्दा और लाल सिंह बर्मन के गुट ने पलीता लगा दिया है। जयस के नाराज गुट ने आम आदमी पार्टी और अन्य दलों के माध्यम से मालवा निमाड़ की 22 आदिवासी सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। कई स्थानों पर त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति है, जिसका नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है। अनिल पुरोहित




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