(भोपाल) कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच शीतयुद्ध जारी है...

  • 01-Nov-23 12:00 AM

भोपाल,01 नवम्बर (आरएनएस)। मध्यप्रदेश के बड़े नेताओं के बीच चल रहे शीतयुद्ध को समाप्त करवाने के लिए कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी को हस्तक्षेप करना पड़ा। चुनावी समर में गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस का प्रचार अभियान भी बड़े नेताओं की नाराजगी की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। कुछ विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी चयन के मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ और पूव्र मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच शीतयुद्ध चल रहा है। दिग्विजय सिंह प्रदेश व्यापी दौरे छोड़कर राजधानी में डेरा डाले हुए थे। कमलनाथ अपने विश्वस्त सहयोगी सिंह के व्यवहार से सन्न बताए जा रहे हैँ। प्रभारी महासचिव रणदीपसिंह सुरजेवाला दो पाट के बीच पिसने से बचते नजर आ रहे हैं। कांग्रेसी हल्कों में माना जाता है कि कमलनाथ के ऊपर किसी भी नेता का बस नहीं चलता। मध्यप्रदेश की राजनीति में उन्होंने कभी भी किसी नेता के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया है। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि जब पूर्व मुख्यमंत्री सिंह की नाराजगी की खबरें आलाकमान तक पहुंची तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इस मामले में सोनिया गांधी से हस्तक्षेप का आग्रह किया। श्रीमती गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री सिंह से फोन पर लंबी बातचीत की। उन्होंने अध्यक्ष कमलनाथ और प्रभारी महासचिव रणदीपसिंह सुरजेवाला से भी बातचती कर समन्वय बनाए रखने को कहा। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि टिकट वितरण की प्रक्रिया में सोनिया गांधी ने कभी मध्यप्रदेश में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया। गतरात सोनिया गांधी के सक्रिय होने के बाद दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच भोपाल में एक दौर की चर्चा हुई लेकिन इससे मामला हल नहीं हुआ इस वजह से दोनों को दिल्ली बुलाया गया। इन दोनों नेताओं के साथ रणदीप सिंह सुरजेवाला भी इस समय दिल्ली में ही हैं। उधर, पिछले तीन दिनों से प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सन्नाटा पसरा हुआ है। अध्यक्ष सहित खास पदाधिकारी भोपाल से बाहर हैं। प्रभारी महासचिव सुरजेवाला सांसद निवास में चल रहे वार रूम में अधिक समय बीता रहे हैं। मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा और कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले जरूर मीडिया टीम के साथ सक्रिय नजर आते हैं। इस बीच यह खबर सामने आई है कि भाजपा की तुलना में प्रदेश कांग्रेस की जमीनी तैयारियां बेहद कम हैं। प्रियंका गांधी को छोड़कर बड़े नेताओं की सभाएं अभी तक निर्धारित नहीं हुई हैं। होर्डिंग्स और मीडिया कैम्पेन भी अभी तक फाइनल नहीं हुआ है। अधिकृत प्रत्याशियों को चुनावी फंड भी नहीं पहुंचा है। कुछ नेता दबे स्वरों में बजट की कमी की बात भी कर रहे हैं। अनिल पुरोहित




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