(भोपाल) गठबंधन के मोर्चे पर उलझे कमलनाथ

  • 03-Nov-23 12:00 AM

भोपाल,03 नवम्बर (आरएनएस)। बगावत के अलावा कांग्रेस गठबंधन के मोर्चे पर भी उलझ गई है। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से प्रदेश में दस सीटें मांगी थीं लेकिन कमनलाथ ने गठबंधन में दिलचस्पी नहीं दिखाई। नतीजे में समाजवादी पार्टी ने ग्वालियर चंबल अंचल, बुंदेलखंड और विंध्य में अपने 40 प्रतिशत प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं। यह सभी प्रत्याशी कांग्रेस के लिए सिर दर्द बनेंगे। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के गठबंधन से भी कांग्रेस को नुकसान होगा। आम आदमी पार्टी भी प्रदेश में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ रही है। शहरी सीटों पर आम आदमी पार्टी भाजपा विरोधी मतों को विभाजित करेगी। इससे भी कांग्रेस को नुकसान ही होगा। बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी मिलकर दस फीसदी तक मत प्राप्त करने की स्थिति में हैं। समाजवादी पार्टी बुंदेलखंड के यादव समाज में असर रखती है। इसी तरह आम आदमी पार्टी भी प्रदेश में तीन से पांच प्रतिशत मत लेने की स्थिति में है। जय आदिवासी संगठन के फूट के कारण भी मालवा और निमाड़ अंचल में कांग्रेस को नुकसान होगा। कमलनाथ के समक्ष अभी सबसे बड़ा सर दर्द बगावत है। इंदौर, उज्जैन, दतिया सहित करीब 37 विधानसभा क्षेत्रों में घोषित प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है। इस बगावत को लेकर कई वजहें बताई जा रही हैं लेकिन इनमें से एक पीसीसी प्रमुख कमलनाथ और कांग्रेस की विजय के लिए सबसे ज्यादा जमीनी मेहनत कर रहे दिग्विजय सिंह के बीच असहमति भी बताई जा रही है। भाजपा के प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद कई नेताओं की नाराजगी की खबरें आई और कुछ ने तो पार्टी दोड़ दी इस पर कांग्रेस ने भाजपा का खब मजाक बनाया लेकिन अब कांग्रेस के साथ भी यही हो रहा है। नाम वापसी के अंतिम दिन तक अभी भी बगावत से परेशान है। दूसरी तरफ भाजपा के भी बागी पार्टी को परेशान किए हुए हैं।




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