(भोपाल) गठबंधन के मोर्चे पर उलझे कमलनाथ
- 18-Oct-23 12:00 AM
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भोपाल,18 अक्टूबर (आरएनएस)। बगावत के अलावा कांग्रेस गठबंधन के मोर्चे पर भी उलझ गई है। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस में दस सीटें मांगी थी लेकिन कमलनाथ ने गठबंधन में दिलचस्पी नहीं दिखाई। नतीजे में समाजवादी पार्टी ने बुंदेलखंड और विंध्य में अपने नौ प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं। यह सभी प्रत्याशी कांग्रेस के लिए सर दर्द बनेंगे। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के गठबंधन से भी कांग्रेस को नुकसान होगा। आम आदमी पार्टी भी प्रदेश में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ रही है। शहरी सीटों पर आम आदमी पार्टी भाजपा विरोधी मतों को विभाजित करेगी। इससे भी कांग्रेस को नुकसान ही होगा। बहुजन समाज पार्टी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी मिलकर दस फीसदी तक मत प्राप्त करने की स्थिति में हैं। समाजवादी पार्टी बुंदेलखंड के यादव समाज में असर रखती है। इसी तरह आम आदमी पार्टी भी प्रदेश में तीन से पांच प्रतिशत मत लेने की स्थिति में है। जय आदिवासी संगठन के फूट के कारण भी मालवा और निमाड़ अंचल में कांग्रेस को नुकसान होगा। कमलनाथ के समक्ष अभी सबसे बड़ा सर दर्द बगावत है। इंदौर, उज्जैन, दतिया सहित करीब 37 विधानसभा क्षेत्रों में घोषित प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है। इस बगावत को लेकर कई वजहें बताई जा रही हैं लेकिन इनमें से एक पीसीसी प्रमुख कमलनाथ और जीत के लिए सबसे ज्यादा जमीनी मेहनत कर रहे दिग्विजय सिंह के बीच असहमति भी बताई जा रही है। भाजपा के प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद कई नेताओं की नाराजगी कीखबरें आई और कुछ ने तो पार्टी छोड़ दी इस पर कांग्रेस ने भाजपा का खूब मजाक बनाया लेकिन अब कांग्रेस के साथ भी यही हो रहा है। कांग्रेस का विरोध भी सड़कों पर नजर आ रहा है। इसके अलावा उज्जैन जिले में भी विरोध हो रहा है। जिले की उत्तर विधानसभा से कांग्रेस ने माया त्रिवेदी को टिकट मिलते ही कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए और त्रिवेदी का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के पूर्व जिला अध्यक्ष अंबर साहू ने कहा कि हम इस घोषणा का विरोध करते हैं क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने जिसे अपना कैंडिडेट बनाया है वह अयोग्य है। माया त्रिवेदी के पास कोई कार्यकर्ता नहीं है और वह पूर्व में भी निर्दलीय चुनाव लड़कर कांग्रेस को नुकसान पहुंचा चुकी हैं। ऐसे व्यक्ति को कांग्रेस का टिकट देना कहीं न कहीं गलत है। प्रदर्शनकारी विवेक यादव को टिकट देने का एलान कर रहे हैं। हालांकि यादव ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ले ली है और खबर है कि पार्टी उन्हें जल्दी ही अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है। भाजपा के बड़े नेता माने जाने वलो गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की सीट दतिया से उनके सामने कांग्रेस ने अवधेश नायक को टिकट दिया है। यहां भी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नायक का पुतला जलाया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं की मांग है कि नरोत्तम मिश्रा के सामने राजेंद्र भारती को टिकट दिया जाए। राजेंद्र भारती मिश्रा के सामने पिछले चुनाव ढाई हजार वोटों से हारे थे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि भारती वर्षों से संघर्श कर रहे थे और पार्टी द्वारा उनके संघर्ष को अनदेखा किया गया है। राजेंद्र भारती खुद भी सक्रिय हैं और राहुल गांधी से मिलने दिली पहुंच गए हैं। इसके अलावा टीकमगढ़ जिले की खरगापुर, सतना जिले की नागौद, मंदसौर जिले की सुवासरा, ग्वालियर ग्रामीण, छतरपुर जिले की महाराजपुर और बिजावर, धार जिले की धरमपुरी, रतलाम जिले के आलोट और सीहोर जिले की बुधनी सीट पर भी घोषित प्रत्याशियों को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी जताई है। कांग्रेस में बगावत की स्थिति यह है कि पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी और प्रेमचंद गुड्डू क्रमश: धरमपुरी और आलोट से निर्दलीय चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि पार्टी नेतृत्व द्वारा नाराज लोगों को मनाया जा रहा है लेकिन यह आसान सािबत नहीं हो पा रहा है। इसे लेकर कमलनाथ ने सोमवार को प्रेस वार्ता भी की। उन्होंने अपना पुराना वचन फिर दोहराते हुए कहा कि चार हजार लोगों ने टिकट मांगा था और सभी कह रहे हैं कि हम जीत रहे हैं ऐसे में सर्वे में जो मजबूत हुए उन्हीं को टिकट दिया गया है। अनिल पुरोहित
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