(भोपाल) जब प्रदेश के पहले चुनाव के सारे वोट वैध पड़े थे
- 13-Oct-23 12:00 AM
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भोपाल,13 अक्टूबर (आरएनएस)। मप्र में पहला चुनाव वर्ष 1951 में पहली बार 45 फीसदी से ज्यादा लोगों ने मताधिकार का उपयोग किया था। उस बख्त 184 सीटें थीं। अविभाजित मप्र में यह बढ़कर 320 हुई और 230 हैं। जब 184 सीटें थीं तब आदिवासियों के लिये नौ सीटें आरक्षित थीं। अनुसूचित जाति के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं की गई थी। उस समय कुल जमा 69,97,588 वोट पड़े थे जो सभी वोट वैध थे, एक भी वोट को अवैध करार नहीं दिया गया था। 1951 के दौरान राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 1,55,13,592 थी। इनमें यह मतदाता भी शमिल हैं जिन्होंने एक से ज्यादा विधानसभा सीटों पर मतदान किया था, यानि कुछेक मतदाताओं की गिनती एक बार से ज्यादा है। अगर सिर्फ एक बार गिनती करें तो 1951 के विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश में मतदाताओं की कुल संख्या 1,10,75,142 थी। चुनाव आयोग के मुताबिक 1951 के चुनावों में मध्य प्रदेश में 45.11 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया था। 2023 के विधानसभा चुनावों मध्य प्रदेश के मतदाताओं की संख्या बढ़कर 5.61 करोड़ हो गई है। 1951 में जब 184 सीटों के लिए मतदान हुआ था तो कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था। 184 में से 148 सीटें कांग्रेस के नाम रही थी। मौजूदा समय की भाजपा आज जिस संगठन से निकली है उस भारतीय जनसंघ को चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। 1951 के चुनाव में जनसंघ का एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाया था। हालांकि उस समय की सोशलिस्ट पार्टी और किसान मजदूर प्रजा पार्टी ने भारतीय जनसंघ के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया था। सोशलिस्ट पार्टी की दो सीटें और किसान मजदूर प्रजा पार्टी को आठ सीटें मिली थीं। अनिल पुरोहित
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