(भोपाल) दलबदलुओं से परहेज नहीं गले लगाकर अपना बनाया

  • 03-Nov-23 12:00 AM

भोपाल,03 नवम्बर (आरएनएस)। विधानसभा चुनाव में कभी भी दलबदल करने वालों को महत्व नहीं मिला, लेकिन वर्ष 2020 में दल-बदल से कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से हवा मिल गई। इस चुनाव में तो छोटे-बड़े सभी दलों ने दलबदलुओं को हाथोंहाथ लेकर मैदान में उतार दिया। कांग्रेस ने दूसरे दलों से आए 13 तो भाजपा ने 16 उम्मीदवारों को प्रत्याशी बनाया है। कुछ तो ऐसे उम्मीदवार भी मैछान में हैं जो दो से भी अधिक दलों में रह चुके हैं तो कुछ ने तो हर चुनाव में दल बदल लिया। इसमें सबसे बड़ा उदाहरण मैहर विधानसभा सीट के प्रत्याशी नारायण त्रिपाठी हैं। वह निर्दलीय, सपा, और अब विंध्य विकास पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। रीवा से ही सेमरिया विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अभय मिश्रा पिछले तीन चुनाव में हर बार दल बदल कर मैदान में उतरे हैं। वह भाजपा से विधायक रह चुके हैं। अब कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं। सिंगरौल्ी से कांग्रेस प्रत्याशी रेनू शाह पहले सपा, फिर बसपा और दो बार से कांग्रेस से चुनाव लड़ रही हैं।




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