(भोपाल) नेहरु जी द्वारा भ्रष्टाचार को लेकर अपनाए गए तेवरों को भी याद कीजिए भाजपाई नेता ...?
- 11-Oct-23 12:00 AM
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0अवदेश पुरोहितभोपाल,11 अक्टूबर (आरएनएस)। भारत में केंद्र की सत्ता पर भाजपा के नरेंद्र मोदी काबिज हुए जबसे ऊपर से लेकर हरेक भाजपाई नेता आए दिन कांग्रेस और नेहरु जी की नीतियों को लेकर कोसने का कोई कोर कसर नहीं छोड़ता, मगर यह इतने ईमानदार हैं और इनका चाल, चरित्र और चेहरा ठीक है तो जरा पं. जवाहरलाल नेहरु जी के द्वारा भ्रष्टाचार को लेकर अपनाए गए तेवरों की भी तारीफ करने की भी हिम्मत जुटाइए...? यह सभी जानते हैं कि जबसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केन्द्र की सत्ता पर काबिज हुए हैं तबसे लेकर वह समय-समय पर भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कहते नहीं थकते हैं? लेकिन पाँच राज्यों के साथ मध्यप्रदेश में भी आगामी विधानसभा चुनाव हो रहे हैं उस प्रदेश के मुखिया से लेकर भाजपा का शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जो भ्रष्टाचार के आरोपों से अछूता रहा हो? बल्कि इस प्रदेश की यदि सत्ता की बात की जाये तो भले ही भाजपा हय दंभ भरे कि मप्र में उसकी सत्ता 19 वर्षों तक काबिज रही, लेकिन इसकी हकीकत यह है कि जबसे शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की सत्ता संभाली तबसे लेकर भाजपाई छाती ठोककर यह नहीं कह सकते कि मप्र में उनकी नीति-नीति और चाल, चरित्र और चेहरे के अनुसार सरकार चल रही थी जबकि हकीकत यह है कि भाजपा की सत्ता का नाम इसलिये लिया जाता था कि केन्द्र से मध्प्रदेश में भ्रष्टाचार करने के लिये विभिन्न योजनाओं के लिये पैसा प्राप्त करना है और उन योजनाओं की राशि को शिवराज ने अपनी रीति और नीति के अनुसार इस प्रदेश में खर्च करके सरकारी योजनाओं के सरकारी योजनाओं के फर्जीवाड़े के आंकड़ों की रंगोली सजाकर उन्होंने और उनके मंत्रियों के साथ-साथ भाजपाई नेताओं और प्रदेश के अधिकारियों ने सरकारी खजाने पर डाका डालने का काम किया है। इसका उदाहरण है प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता के नौ साल में किये गये विकास कार्यों की हकीकत, जबकि मध्यप्रदेश में शिवराज के राज में सरकारी योजनाओं की फर्जी आंकड़ों की योजनाओं की राशि का दुरुपयोग ही किया है, यही नहीं शिवराज के अधिकारियों की तो बात ही छोडिय़े वह तो दूध के धुले हैं, तो वहीं उनके मंत्रिमण्डल के सदस्य तो और भी अधिक दूध के धुले हुए हैं, यह तो बेचारे पानी को पप्पा और रोटी को अट्टा कहते हैं...? इन्होंने तो भ्रष्टाचार की अभी एबीसीडी तक का ज्ञान नहीं है? जबकि हकीकत यह है कि मध्यप्रदेश की सरकार के मुखिया से लेकर हर मंत्री पर कोई न कोई भ्रष्टाचार का आरोप लगा हुआ है, आज जिस धर्म के नाम का यह ढिंढोरा पीटकर वोटों का बंटवारा कर रहे हैं उसी धर्म के नाम पर भी इसी मध्यप्रदेश में हुए भ्रष्टाचार का एक जीता, जागता नमूना उज्जैन का महाकाल महालोक है, जहां इनके भ्रष्ट मंत्रियों और अधिकारियों ने हजारों रुपये की मूर्तियां लाखों रुपये में लगाई गई जो शिवराज के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों की तरह एक ही आंधी नहीं सह सकी और वह मूर्तियां धराशायी हो गई? पता नहीं अब मप्र में बनने वाले अन्य महालोकों का क्या हश्र होगा यह तो आने वाला भविष्य बताएगा? प्रधानमंत्री मोदी से लेकर हरेक भाजपा कांग्रेस, नेहरु और राहुल गांधी तक को कांग्रेस को भ्रष्टाचार के नाम पर कोसने से नहीं थकते जबकि हकीकत यह है कि नेहरु के कार्यकाल में नेहरु के द्वारा अपनाये गये तेवरों का एक उदाहरण इसी मप्र का भी है, जिस मप्र की सत्ता और संगठन के मुखिया ने मिलकर भ्रष्ट मंत्रियों को चुनावी समर में उतारा है जिनकी वजह से आज भाजपा के मोदी से लेकर अमित शाह तब बड़े-बड़े नेता मप्र में एक एक वोट के लिये पसीना बहाते नजर आते हैं, जबकि इनके ही भ्रष्ट मंत्री के द्वारा अपने ही क्षेत्र में अपने चहेते शराब कारोबारियों के यहां से बेची गई जहरीली शराब से 14 लोगों की मौत हो जाने के बाद भी मतदाताओं के आज पांव छूने वाले शिवराज सिंह ने भ्रष्ट मंत्री के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की, जिसकी बदौलत सत्ता वापसी की खातिर प्रदेश की लाड़ली बहनों को मनाने का ढिंढोरा पीट रहे हैं, सवाल यह उठता है कि क्या मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी में शिवराज मंत्रीमण्डल के चहेते आबकारी मंत्री के यहां से शराब कारोबारी के यहां 14 लोगों की जहरीली शराब पीने से क्या 14 लोगों की मृत्यु हुई थी क्या वह मप्र की लाड़ली बहने नहीं हैं? हालांकि इस बारे में डॉ. राम मनोहर लोहिया कहा करते थे कि जिंदा कौमें पाँच साल तक इंतजार नहीं करती हैं? लेकिन मप्र उन गौरवशाली प्रदेशों में से एक है जहां भ्रष्ट और मौत का माल खाने वाले मंत्री को उनके विधानसभा क्षेत्र के मतदाता अभी तक जनप्रतिनिधि बनाते रहे और आगे भी उन्हीं 14 लोगों की मौत का माल खाने वाले मंत्री के झांसे में आकर उन्हें पुन: अपना जनप्रतिनिधि निर्वाचित कर देंगे? भाजपा के उस नीति पर मप्र के भ्रष्ट मंत्रियों के बारे में वोट डालने से पहले प्रदेश की जनता को एक बार सोचना जरूर चाहिए कि क्या वह ईमानदार और निष्पक्ष छवि के प्रतिनिधि को चुन रहे हैं या मौत का माल खाने वाले जनप्रतिनिधि का चुनाव कर रहे हैं? शिवराज मंत्रीमंडल के मंत्रियों के ऐसे अनेक मामले हैं जिन पर भाजपा के नेताओं ने विचार न करते हुए उन्हीं भ्रष्ट व मतदाताओं की मौत का माल खाने वाले मंत्री को चुनाव मैदान में उतारा, जबकि मोदी से लेकर हर भाजपाई नेहरु से लेकर उनके खानदान के नेताओं व कांग्रेस को दिन-रात कोसते रहते हैं, जबकि भाजपाईयों को यह नहीं मालूम कि इसी मप्र के विंध्य क्षेत्र में आजादी के बाद भ्रष्टाचार की एक छोटी सी घटना पर पूर्व प्रधानंत्री पण्डित जवाहरलाल नेहरु ने अपनी ही कांग्रेस पार्टी के एक नेता शिवबहादुर सिंह पर जालसाजी और भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला दर्ज होने पर उनके ऊपर निचली और ऊपरी अदालतों में सुनवाई और सजा के सारे प्रावधान के बावजूद तीन साल की सजा के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी इन्हीं शिव बहादुर सिंह को कांग्रेस ने पार्टी का टिकट देकर विधानसभा चुनाव में खड़ा किया था जिनके चुनाव प्रचार के लिये पण्डित जवाहरलाल नेहरु विंध्य गये थे और उन्होंने अपनी सभा के दौरान जमकर कांग्रेस के उम्मीदवार को वोट देने की अपील की थी, लेकिन उनके भाषण खत्म होने के बाद वहां के किसी स्थानीय नेता ने नेहरु जी को बताया कि आप जिस शिव बहादुर को चुनाव में विजयी बनाने की अपील की है, उन पर पन्ना के हीरों की खदानों से जुड़े मामलों में गड़बड़ी करने और 25 हजार रुपये की रिश्वत लेने का आरोप था? उस व्यक्ति की यह बात सुनकर नेहरु जी ने एक मिनट भी नहीं गंवाय और उन्होंने पुन: मंच पर आकर माइक पकड़ा और वहां आमसभा की जनता से अपील की अभी तक हमने अपनी पार्टी के उम्मीदवार विजय बहादुर को विजय बनाने की अपील की थी, मुझे अभी मालूम हुआ कि उस पर जालसाजी और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप में उसे सजा और 25 हजार रुपये जुर्माना हुआ था? अत: आपसे अपील है कि आप कांग्रेस पार्टी के नेता विजय बहादुर सिंह के पक्ष में मतदान नहीं करें और उनके खिलाफ जो भी खड़ा हुआ है उनमें जो भी उचित लगे उसे विजयी बनायें? यह कांग्रेसी नेता शिव बहादुर सिंह को मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब के राज्यपाल अर्जुन सिंह उनके पिताजी थे? अपने पिताजी के इस तरह के आरोपों के घेरे में आने को लेकर कई बार अर्जुन सिंह पर राजनीतिक संकट भी आया बहुचर्चित मूंदड़ा कांड में नेहरु जी की पुत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी ने संसद में घोटाले के विरुद्ध जोरदार आवाज उठाई थी और मामला आगे बढऩे पर नेहरु जी को अपने वित्त मंत्री तक को हटाना पड़ा था? क्या इस तरह का साहस दिखाते हुए एक नई पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमितशाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अनेक भाजपाई इस प्रकार का साहस करेंगे और इस विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान शिवराज सिंह के मंत्रीमण्डल के मंत्री जगदीश देवड़ा जिन्होंने अपने मतदाताओं की मौत का माल खाया, इन जैसे मंत्रियों के बारे में यह कहने का साहस उठा पायेंंगे कि हमारी पार्टी के ऐसे मंत्री को जिस मतदाताओं को हम भगवान मानते हैं उन मतदाताओं की मौत पर हराम का माल खाते हुए शराब कारोबारी से सोने की चैन भेंट लेते हुए उसके लड़के को जिससे सोने की चैन भेंट ली और अपने एक साथी मंत्री को भी दिलवाई और अभी तक उस जहरीली शराब के कारोबारी बेटे को जगदीश देवड़ा हर कदम पर सहयोग कर रहे हैं? ऐसे व्यक्ति को आप उम्मीदवार कतर्ठ नहीं चुने क्या इस तरह का साहस भाजपाई उठाकर इस प्रदेश में कर पाएंगे? वैसे तो शिवराज के कार्यकाल में अनेक भ्रष्टाचार के उदाहरणों का एक नया इतिहास भाजपा लिख पाएगी इस बात को लेकर प्रदेश में पिपलियामंडी के मतदाताओं से लेकर उन भ्रष्ट मंत्रियों जिन्होंने जमकर शिवराज सरकार में जमकर भ्रष्टाचार किया और जनता को लूटा वहां के मतदाताओं ने इन मंत्रियों के भ्रष्टाचार की कहानियां चटकारे लेकर की जा रही हैं? कांग्रेसी प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरु की इस घटना का उल्लेख मप्र शासन के जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित - नेहरु पर एक विशेषांक के अंक में इस बात का उल्लेख किया गया है? क्या नेहरुजी जैसा उदाहरण मोदी अपनी ही नहीं बल्कि शिवराज सरकार के जगदीश देवड़ा जैसे मंत्रियों के बारे में कहकर एक मिसाल कायम कर सकेंगे? सच्चाई और भाजपा के चाल, चरित्र और चेहरे के अनुसार उदाहरण पेश करने वाले भाजपाई नेताओं से इस प्रदेश के मतदाताओं ने बड़ी उम्मीद लगा रखी है ...?
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