(भोपाल) पोषण ट्रैकर और पोषण अभियान जन आंदोलन पोर्टल से खुलासा

  • 01-Oct-23 12:00 AM

भोपाल,01 अक्टूबर (आरएनएस)। दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक अंतर्गत दो सप्ताह पहले एक बालिका की कुपोषण से मौत हो गई। इसके पहले सतना में एक बच्ची को गंभीर कुपोषण होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यह तो सिर्फ उदाहरण है हर दिन विभिन्न जिला अस्पतालों में कुपोषित बच्चों को भर्ती कराया जा रहा है। कुपोषण से जंग के लिए सितम्बर में प्रदेशभर में पोषण माह मनाया गया। आंकड़ों के अनुसार परफार्मेंस में बिहार सबसे आगे है जबकि मप्र का पांचवां स्थान है। पोषण ट्रेकर पोर्टल के अनुसार प्रदेश में 66 लाख लाभार्थी बच्चों में शून्य से छह वर्ष तक के 51 फीसदी बच्चे बौने मिले हैं। नौ फीसदी में कुपोषण का असर है। कुपोष्ज्ञण के खिलाफ अभियान सुस्त होने के पीछे बजट की कमी कारण है। छतरपुर के जिला महिला एवं बाल विकास विभगा अधिकारी राजीव सिंह बताते हैं कि सात माह से वाहन का खर्चा नहीं मिला है। पोषण माह में 14वें दिन महिला एवं बाल विकास संचालनालय ने कार्यक्रमों के लिए हर आंगनबाड़ी को 125 रुपए, परियोजना स्तर पर कुल 68 लाख और जिला स्तर पर 13 लाख रुपए मिले हैं। अनिल पुरोहित




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