(भोपाल) बड़े नेताओं की रस्साकशी में चुनाव अभियान पर गहरा असर
- 30-Oct-23 12:00 AM
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भोपाल,30 अक्टूबर (आरएनएस)। मध्यप्रदेश के बड़े नेताओं के बीच चल रहे शीत युद्ध को समाप्त करवाने के लिए कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी को हस्तखेप करना पड़ा। उनके हस्तक्षेप के बाद रविवार देररात पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पार्टी के वरिष्इ नेता दिग्विजय सिंह के बीच मुलाकात हुई। चुनावी समर में गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस का प्रचार अभियान भी बड़े नेताओं की नाराजगी की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। कुछ विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी चयन के मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच शीत युद्ध चल रहा है। सिंह प्रदेशव्यापी दौरे छोड़कर राजधानी में डेरा डाले हुए थे। कमलनाथ अपने विश्वसत सहयोगी सिंह के व्यवहार से सन्न बताए जा रहे हैं। प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला दो पाट के बीच पिसने से बचते नजर आ रहे हैं। कांग्रेसी हलकों में माना जाता है कि कमलनाथ के ऊपर किसी भी नेता का बस नहीं चलता। राजनीति में उन्होंने कभी किसी नेता के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया है। इस बीच यह खबर सामने आई है कि भाजपा की तुलना में कांग्रेस की जमीनी तैयारियां भी उतनी मजबूत नहीं दिख रहीं हैं। कांग्रेस प्रियंका गांधी को छोड़कर बड़े नेताओं की सभाएं अभी तक निर्धारित नहीं कर सकी है। होर्डिंग और मीडिया कैम्पेन भी फाइनल नहीं हुआ है। अधिकृत प्रत्याशियों को चुनावी फंड भी नहीं पहुंचा है। कुछ नेता दबी जुबान से बजट की कमी की बात कर रहे हैं। अनिल पुरोहित
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