(भोपाल) मप्र में बसपा के वोट बैंक पर भाजपा की नजर

  • 17-Oct-23 12:00 AM

भोपाल,17 अक्टूबर (आरएनएस)। मध्य प्रदेश में भाजपा के मिशन-2023 में जितना अहम आदिवासी वोट बैं है उतना ही महत्वपूण्र अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग भी है। अब तक एससी का अधिक झुकाव बसपा की तरफ रहा है। लगभग नौ प्रतिशत वोट बसपा को मिलते रहे हैं। कुछ वर्षों में बसपा के कमजोर होने से उसका वोट बैंक छिटकने लगा है, पर यह भाजा को न मिलकर कांग्रेस में चला जाता है। इनका राज्य में करीब 69 सीटों पर प्रभाव है। वर्ष 2013 में भाजपा के पास एससी वर्ग की 28 सीटें थीं, जबकि वर्ष 2018 में यह घटकर 18 रह गई। भाजपा को यही चिंता है। ऐसे में बसपा के वोट बैंक पर भाजपा की नजर । इस स्थिति से निपटने के लिए संत रविदास मंदिर और सुमित्र वाल्मीकि को राज्यसभा सदसय बनाने जैसे निर्णय को प्रचारित कर भाजपा बसपा के वोट बैंक में सेंध लगा रही है। भाजपा ने वर्ष 2018 में हुए नुकसान की भरपाई के लिए और कुछ जातियों का साथ पाने के लिए इस वर्ग के कर्ठ नेताओं को अपने साथ्ज्ञ भी मिलाया है। उत्तर प्रदेश सहित मध्य प्रदेश में अहिरवार, चौधरी, साकेत और जाटव जैसी जातियां बसपा का परंपरागत वोट बैंक रही हैं। वर्ष 2023 के चुनाव में भी इनके वोट निर्णायक भूमिका अदा करेंगे। अनिल पुरोहित




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