(भोपाल) मप्र में विधायक दल से लेकर कैबिनेट तक ओबीसी का दबदबा

  • 02-Nov-23 12:00 AM

भोपाल,02 नवम्बर (आरएनएस)। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बार फिर दोहराया कि कांग्रेस की सरकार बनने पर वह जातिवार गणना कराएंगे, लेकिन ओबीसी र्व को अधिक अवसर देने का दावा कांगे्रेस के लिए राजनीतिक लाभ देने के बजाए उलटा ही पड़ जाता है। दरअसल, ओबीसी को अवसर देने में भाजपा हमेशा कांग्रेस से आगे रही है। विधायकों की संख्या हो या कैबिनेट में मौजूदगी या फिर मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री का पद, सभी सवालों पर भाजपा कांग्रेस पर भारी पड़ती है। कांग्रेस को निरुत्तर करने के लिए भाजपा ओबीसी को अवसर देने के आंकड़े सामने रख देती है। मध्य प्रदेश में ओबीसी की राजनीति कांग्रेस के गले की फांस बन रही है। जातिगत समीकरण के दलदल में धंसती मध्य प्रदेश की सियासत पर ओबीसी कार्ड का खासा प्रभाव दिखाई पड़ रहा है। भाजपा इसमें पहले बढ़त बनाए हुए है, जबकि कांग्रेस जातिगत गणना के साथ 27 प्रतिशत आरक्षण के वादे के साथ चुनावी मैदान में है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 66 तो कांग्रेस ने 64 ओबीसी उम्मीदवारों को मौका दिया है। महिला आरक्षण में ओबीसी के लिए अलग से आरक्षण की मांग का असर कांग्रेस के टिकट वितरण में नहीं दिखा। भाजपा ने छह, कांग्रेस ने पाँच ओबीसी महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने एमपी के मन में मोदी का चुनावी अथ्ीायान चलाकर यह बताने की कोशिश है कि उसने प्रधानमंत्रद्धी ेस लेकर मुख्यमंत्री तक ओबीसी को मौका दिया है। अनिल पुरोहित




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment