(भोपाल) माइक्रो मैनेजमेंट के जरिए पांचवीं बार सत्ता हासिल करने का प्रयास कर रही भाजपा दिल्ली के निर्देशों पर ही चलेगा पूरा चुनाव कैम्पेन, जीते तो वहीं से तय होगा मुख्यमंत्री

  • 09-Oct-23 12:00 AM

भोपाल,09 अक्टूबर (आरएनएस)। मध्यप्रदेश भाजपा पांचवीं बार सत्ता के जरिए लक्ष्य पाने का प्रयास कर में है। दिल्ली के फरमान पर पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। सूत्रों की मानें तो भाजपा की जीत होती है, तो दिल्ली ही तय करेगा कि अगला सीएम कौन होगा। शीर्ष नेतृत्व के इस सियासी कदम से कई तरह की अटकलों को बल मिला है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का पूरा नियंत्रण है। इसके लिए दिल्ली नेतृत्व ने अपने खास नेताओं को यहां की कमान सौंपी हुई है। जिनके निर्देशों पर चुनाव कैम्पेन होना है। केन्द्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को मध्यप्रदेश का चुनाव प्रभारी या रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को सह प्रभारी बनाया है। ये दोनों नेता पीएम मोदी और पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार अमित शाह के सबसे भरोसेमंद माने जाते हैं। इसी तरह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी भाजपा आलाकमान के करीबी माने जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मेादी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह का भी मध्यप्रदेश पर फोकस है। पिछले 15 दिनों में प्रधानमंत्री ने अपनी रैलियों में भाजपा की चार बार की सरकार की तो तारीफ की, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्यादा महत्व नहीं मिला। जिसे लेकर तरह-तरह की चर्चा होने लगी हैं। राजनीति के जानकारों का कहना है कि केन्द्रीय नेताओं के इस सियासी कदम के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान के बयानों केक भी कई मतलब निकाले जा रहे हैं। पिछले दिनों सीएम ने अपने गृह जिले सीहोर में कहा कि जब मैं चला जाऊंगा, तब बहुत याद आऊंगा। बुधनी विधानसभा क्षेत्र के एक कार्यक्रम के दौरान सीएम ने जनता से पूछ लिया कि इस बार चुनाव लड़ूं या नहीं। इसके उपरांत सीएम ने डिंडौरी में जनता से पूछा कि क्या उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं। अनिल पुरोहित




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