(भोपाल) राजनीति में जमानत जब्त का मतलब 16 प्रश्तिात वोट भी न मिलना
- 06-Oct-23 12:00 AM
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भोपाल,06 अक्टूबर (आरएनएस)। मप्र विधानसभा का चुनाव लडऩे के लिए दस हजार रुपये और प्रस्तावक की व्यवस्था करना पड़ती है। चुनाव लडऩे के लिए निर्वाचन आयोग दस हजार रुपये जमानत राशि मांगता है। आरक्षित वर्ग (अजा-अजजा) के उम्मीदवार को जमानत की राशि आधी ही देनी पड़ेगी। मान्यता प्राप्त राज्य और राष्ट्रीय स्तर के दल के प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करते हैं तो निर्दलीय प्रत्याशी को संबंधित विधानसभा क्षेत्र के ही दस प्रस्तावकों की आवश्यकता होगी। निर्वाचन आयोग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कुल 2899 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। इनमें से जीतने वाले 230 विधायकों के अलावा सिर्फ 279 प्रत्याशी ही अपनी जमानत बचा सके थे, जबकि 2390 उम्मीदवारों की 2.39 करोड़रुपये की जमानत राशि निर्वाचन आयोग ने जब्त कर ली थी। किसी प्रत्याशी को उसकी सीट पर हुए कुल मतदान के छठे हिस्से यानी 16 फीसदी से कम वोट मिलते हैं, तो उसकी जमानत राशि जब्त कर ली जाती है। अनिल पुरोहित
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