(भोपाल) सरकारी खजाने की परवाह किए बिना अव्यवहारिक वादों से भी गुरेज नहीं

  • 17-Oct-23 12:00 AM

भोपाल,17 अक्टूबर (आरएनएस)। पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के बीच चुनावी रेवडिय़ों को लेकर मुफ्त वादे करने की जबरदस्त होड़ मच गई है। चुनावी कामयाबी के लिए पार्टियां सरकारी खजाने की परवाह किए बिना अव्यवहारिक वादे करने से भी गुरेज नहीं कर रही। तेलंगाना की सत्ताधारी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) का चुनाव घोषणा पत्र इसका सबसे तोजा उदाहरया है। 400 रुपये में गैस सिलेंडर, महिलाओं, बुजुर्गों और यवाओं को हर महीने नगद राशि देने से लेकर सूबे के सभी नागकिरों को पाँच लाख रुपये की मुफ्त बीमा देने की घोषणाएं कर इसने रेवडिय़ों की होड़ में नई हलचल मचा दी है। तेलंगाना और मप्र में लुभावने वादों के जरिये पहले ही सियासी गरमी बढ़ा चुकी कांग्रेस की छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सरकारें भी इस होड़ में पीछे नहीं हैं। चुनावी रेवडिय़ों पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के दिखाए तेवरों और चुनाव आयोग की नसीहतों का कम से कम पाँच राज्यों के विधानसभा चुनाव में असर होता नहीं दिख रहा है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए पिछले सप्ताह मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने लुभावने वादे पर राजनीतिक पार्टियों के कदम को चुनावी तड़का बता नसीहतें दी थी। तेलंगाना में कांग्रेस के 500 रुपये में गैस सिलेंडर, महिलाओं को 2,50 रुपये प्रति महीने नगद और मुफ्त बस यात्रा से लेकर किसानों और खेत मजदूरों को 15 और 12 हजार रुपये प्रति एकड़ सालाना देने जैसी छह बड़ी चुनावी गारंटी के प्लान से डोलती अपनी सत्ता को बचाने के लिए केसीआर ने मुफ्त वादों की नई किश्त का दांव चला है। अनिल पुरोहित




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