(भोपाल) 25 साल पहले सीएम बनने से चूक गए थे इन्दिरा जी के तीसरे बेटे
- 07-Nov-23 12:00 AM
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भोपाल,07 नवम्बर (आरएनएस)। कमलनाथ नौ बार सांसद का चुनाव जीते। वे संजय गांधी के दोस्त थे। राजनीति में पहले भी और आज भी वे गांधी परिवार के करीबी थे। आज का किस्सा कमलनाथ की नजदीकियां बयां करने वाला है। 2018 में सीएम बने कमलनाथ 25 साल पहले सीएम बनने से चूक गए थे। कमलनाथ संजय गांधी के स्कूली दोस्त बताए जाते हैं। वे 1980 में पहली बार छिंदवाड़ा से सांसद बने थे। इस चुनाव में प्रचार के दौरान इंदिरा गांधी ने उन्हें अपना तीसरा बेटा बताया था। आपातकाल के बाद 1979 में जनता पार्टी की सरकार के दौरान संजय गांधी को एक मामले में कोर्ट ने तिहाड़ जेल भेज दिया। तब इंदिरा संजय की सुरक्षा को लेकर चिंतित थीं। कहा जाता है कि तब कमलनाथ जानबूझकर एक जज से लड़े। जज ने उन्हें सात दिन के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया, जहां वे संजय गांधी के साथ रहे। कमलनाथ मप्र की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से नौ बार से सांसद हैं। वे 1980, 1985, 1989, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 में सांसद बने। 1993 में भी कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा थी। बताया जाता है कि तब अर्जुन सिंह ने दिग्विजय सिंह का नाम आगे कर दिया। इस तरह 25 साल पहले कमलनाथ सीएम बनने से चूक गए। 1997 में छिंदवाड़ा से हार गए थे कमलनाथ 1996 में कमलनाथ पर हवाला कांड के आरोप लगे थे। उस वक्त पार्टी ने उनकी पत्नी को टिकट दिया था। वे चुनाव जीत गई। लेकिन अगले साल उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 1997 में यहां उपचुनाव हुए थे, इसमें कमलनाथ हार गए। कमलनाथ को सुंदरलाल पटवा ने हराया था। कमलनाथ ने 1991 में राज्य पर्यावरण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), 1995-1996 टेक्सटाइल मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री रहे। उन्होंने 2001-2004 तक कांग्रेस के महासचिव और उद्योग मंत्री रहे। 2009 में कमलनाथ सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री बने। 2011 में उन्हें शहरी विकास मंत्री बनाया गया। 2012 में उन्हें संसदीय कार्य मंत्री बनाया गया।
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