(महत्वपूर्ण)(रायपुर) राजधानी से लगे गांवों में भू-माफिया आवासीय कालोनी बनाने खरीद रहे जमीन

  • 04-Oct-25 07:54 AM

0-नगर निवेशक से मांगा भवन अनुज्ञ प्रमाण पत्र
0-कचना, सड्डू मेंं भी दो एकड़ में कालोनी विकास हेतु मिली अनुमति

रायपुुर,04 अक्टूबर(आरएनएस)।  छत्तीसगढ़ की राजधानी बनते ही रायपुर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से आवासी कालोनी बनाने का काम शुरू हो गया है। रायपुर नगर निगम द्वारा कचना अमलीडीह, हीरापुर, तेन्दुआ तथा अन्य गांवों में भू-माफियाओं द्वारा भूखण्डों एवं फ्लेट के निर्माण के लिए भवन अनुज्ञा प्रमाण पत्र जारी करने के लिए रायपुर नगर निवेशक के पास बड़ी संख्या में आवेदन आए हैं।
रायपुर नगर निगम के निवेशक द्वारा मिली जानकारी के अनुसार राजधानी रायपुर के आसपास विभिन्न डेव्हलपर्स द्वारा भूमि विकास भू खंडीय एवं नियमित कालोनी बनाने के लिए अनुमति मांगी जा रही है, जिससे कालोनाईजर लाइसेंस कहा जाता है। राजधानी रायपुर के पश्चिम तथा दक्षिण और उत्तर के विधानसभा क्षेत्र के आने वाले जनप्रतिनिधियों की इसमें भागीदार है। इसमें इस समय अमलीडीह एक जातीय समुदाय के लोग काफी सक्रिय हो गए हैं, जिसके चलते यहां पर भूखण्डों के दाम आसमान छू रहे हैं।

गोंदवारा, गुढिय़ारी में भू-माफियाओं का कब्जा

राजधानी के गोंदवारा, गुढिय़ारी सहित अन्य क्षेत्रों में इस समय एक भू-माफिया काफी सक्रिय है, वहीं तेन्दुआ, बानी, गुमा में भी एक कालोनाइजर्स द्वारा एक कालोनी बनाई जा रही है। नगर निवेशक के अनुसार मिली जानकारी के अनुसार विभिन्न डेव्हलपर्स के द्वारा विभिन्न कालोनी निर्माण के लिए आवेदन दिए जाते है, इसमें प्लेट क्रमांक एवं रकबा का ब्यौरा दिया जाता है, समाज के कमजोर वर्गों के लिए भी जमीन आरक्षित करने का प्रावधान रखा गया है। ग्राम सड्डू में ब्रिजेश साहू, सुनील साहू द्वारा विधानसभा रोड कचना सड्डू में दो हेक्टेयर भूमि आवासीय भूखण्ड कालोनी के लिए मांगी गई है। नगर निवेशक के अनुसार इस संबंध में अगर किसी को आपत्ति है, वह अपनी आपत्ति जारी कर सकता है। इसके अलावा बोरियाखुर्द, काठाडीह सहित अन्य गांवों में भी भू-माफियों की नजर लगी हुइ है।

सिलिंग एक्ट में फंसी आवासीय जमीन

राजधानी के विभिन्न गृह निर्माण सिमियों में इस समय सिलिंग एक्ट के तहत कई जमीन फंसी हुई, जिसको लेकर जमीन खरीदने वाले एवं बेचने वाले के बीच विवाद चल रहा है। जिसके चलते पूरा मामला इस समय कोर्ट में है। कॉलेज निर्माण समिति तथा अन्य समितियों के भी मामले इसी पेंच में है।
आर. शर्मा
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