(महत्वपूर्ण)(रायपुर) स्वदेशी आंदोलन को बढ़ावा देने एक करोड़ की लागत से खरीदे जाएंगे नवीन करघे

  • 04-Oct-25 07:35 AM

0-क्लस्टर के रूप में भखारा, अम्बागढ़, मानपुर, बसना, राजनांदगांव और बिल्हा में विकास कार्यक्रम के तहत होगा विकास
रायपुर,04 अक्टूबर(आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वदेशी आंदोलन एवं वोकल फॉर लोकल के नारे को मुर्त रूप देने का प्रयास छत्तीसगढ़ के ग्रमोद्योग संचालनालय द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए नवीन करघे एवं अन्य सहायक उपकरण एक करोड़ की लागत से खरीदे जाएंगे।

मिली जानकारी के अनुसार ग्रामोद्योग छत्तीसगढ़ द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में पंजीकृत जीएसटी आपूर्तिकर्ताओं से 100 लाख रूपए की अनुमानित राशि की निविदा आमंत्रित की गई है, इनसे अनेक स्थानों पर लघु कलस्टर विकास कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। जिसके तहत ग्रामोद्योग संचालनालय हथकरघा विभाग द्वारा विकास आयुक्त हथकरघा वस्त्र संचालनालय नई दिल्ली द्वारा संचालित राष्ट्रीय हथकरघा कार्यक्रम के तहत लघु कलस्टर विकास कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के लिए स्वीकृत क्लस्टर भखारा जिला धमतरी, अम्बागढ़ चौकी जिला मोहला मानपुर, राजनांदगांव, बसना महासमुंद, बिल्हा बिलासपुर के लिए नवीन करघे एवं अन्य सहायक उपकरण क्रय किए जाएंगे। इसके लिए विभाग द्वारा 100 लाख रूपए की अनुमानित राशि की लागत से खरीदा जाएगा। यह निविदा हथकरघा संचालनालय इन्द्रावती भवन अटल नगर में 29 अक्टूबर तक जमा करना होगा। इसके पश्चात निविदा खोली जाएगी।

ग्रामोद्योग हथकरघा संचालनालय के संचालक श्याम धावड़े द्वारा जारी की गई सूचना के अनुसार निविदाकर्ता यह निविदा 29 अक्टूबर को एक बजे खोली जाएगी। संचालक के अनुसार राज्य में ग्रामोद्योग को बढ़ावा देना प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। महात्मा गांधी को स्वदेशी आंदोलन को सफल बनाने के लिए यह करघे खरीदी किए जा रहे हैं। इन उपकरणों से सूत निकालकर खादी का लूम बनाया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक प्रगति होगी।

सेल्समेन की नियुक्ति की जाएगी हेण्डलूम एम्पोरियम में

छत्तीसगढ़ के विभिन्न बुनकर सहकारी समितियों में बुनकर के  उन्नयन के लिए कार्यक्रम बनाया गया है, जिसके तहत अब छत्तीसगढ़ बुनकर सोसायटी आमापारा का विक्रय केन्द्र आधुनिक ढंग से बनाया गया है। यहां पर चादर, रूमाल, गमछा तथा अन्य उत्पादों में 20 प्रतिशत छूट दी जा रही है हाथकरघा संघ द्वारा 20 प्रतिशत छूट दी जा रही है। बिलासा एम्पोरियम में भी सेल्समेनों की नियुक्ति की जा रही है, ताकि यहां कोसा साड़ी  तथा अन्य उत्पादों की बिक्री धड़ल्ले से की जा सके। इस समय चांपा-जांजगीर, रायगढ़ तथा उसके आसपास के क्षेत्रों में कोसा के डिमांड इस समय सबसे ज्यादा है।
आर. शर्मा
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