(महत्वपूर्ण) (रायपुर) सहकारी समितियां के चुनाव नहीं होने से नौकरशाहों का कब्ज 

  • 15-Sep-25 08:00 AM

0- प्रदेश में प्राथमिक सहकारी समितियों के चुनाव ठंडे बस्ते में 

0-मार्कफेड की आमसभा मेंं आएंगे सिर्फ  अधिकारी 

रायपुर, 15 सितम्बर (आरएनएस)। प्रदेश में सहकारी समितियों की चुनाव ठंडे बस्ते में डाल दिए गए हैं, जिसके चलते शीर्ष सहकारी संस्था मार्कफेड, अपेक्स तथा जिला सहकारी समितियों में अधिकारियों का कब्जा हो गया है, जिससे सहकारिता आंदोलन को धक्का पहुंच रहा है। 

मार्कफेड के पूर्व अध्यक्ष शशिकांत द्विवेदी के अनुसार राज्य में कुल 1200 से अधिक सहकारी समितियां है, जिनका परिसिमन भी करा लिया गया है। कांग्रेस शासन काल में मनोनयन की परंपरा शुरू कर दी गई थी, जिसके चलते अपेक्स मार्कफेड तथा जिला सहकारी समितियों में प्राधिकृत अधिकारियों को बैठा दिया गया है, जिसके चलते सहकारिता आंदेालन पर विपरीत असर पड़ रहा है। राज्य में जिला सहकारी बैंक रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बस्तर एवं अम्बिकापुर में प्राधिकृत अधिकारी बैठे हुए हैं, इन संस्थाओं द्वारा खाद, धान तथा अन्य सहकारी योजनाओं का संचालन किया जाता है, जिसमें इनकी भूमिका अग्रणीय होती है। 

मार्कफेड की आम सभा में भाग लेंगे सिफ अधिकारी 

शशिकांत द्विवेदी के अनुसार वे मार्कफेड के पूर्व अध्यक्ष पद का कामकाज देख चुके हैं, मार्कफेड एक सहकारी संस्था है, जिसकी आमसभा की बैठक बुलाई गई है, जिसमें सहकारिता विभाग के सचिव, पंजीयक, कलेक्टर तथा अन्य अधिकारी भाग लेंगे। मार्कफेड धान खरीदी के लिए एक नोडल एजेंसी है, जो कि 50 हजार करोड़ से ज्यादा मूल्य का धान खरीदती है। अपेक्स बैंक के माध्यम से जिला सहकारी बैंक के माध्यम से समर्थन मूल्य एवं बोनस का वितरण किया जाता है, जिसके कारण मार्कफेड के आमसभा काफी महत्वपूर्ण है। बैठक में चालू वर्ष और अगले विततीय वर्ष के वार्षिक बजट को अनुमति प्रदान की जाती है। 
आर. शर्मा 
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