(मिर्जापुर)पति-पत्नी का संबंध जीवन और मरण तक चलता है : पवन कुमार महाराज

  • 04-Oct-24 12:00 AM

मीरजापुर 4 अक्टूबर (आरएनएस)। लालगंज तहसील परिसर स्थित अधिवक्ता सभागार में उपरौध अधिवक्ता समिति और विंध्य युवा अधिवक्ता समिति के तत्वावधान में आयोजित अध्यात्मिक प्रवचन के दूसरे दिन राम राज्य परिषद प्रयागराज से पधारे पवन कुमार महाराज ने कहा कि पति-पत्नी का संबंध जीवन और मरण तक चलता है जबकि लव मैरिज जैसी व्यवस्थाएं अक्सर अस्थायी साबित होती हैं। रामचरित मानस का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि राजा दशरथ के पुत्रों और माता सीता के चरित्र से शक्ति का स्वरूप निर्धारित होता है। रावण जैसा शक्तिशाली राजा भी सीता के समक्ष पराजित हो गया और उसकी अधर्मपूर्ण इच्छा से लंका राज्य नष्ट हो गया। अधिवक्ता सभागार में पवन कुमार महाराज ने राम और सीता के बीच के आदर्श संबंधों पर कहा कि रामचरित मानस में माता सीता शक्ति स्वरूपा के रूप में प्रकट होती हैं। वह केवल एक पतिव्रता नारी ही नहीं थीं बल्कि उन्होंने अपने चरित्र और शक्ति से धर्म की मर्यादा और नारी की शक्ति को दिखाई।कहा कि रावण जैसा बलशाली राजा जो पूरे संसार को जीतने की शक्ति रखता था वह भी सीता माता के त्याग और धर्मनिष्ठा के सामने पराजित हो गया। उन्होंने तुलसीदास की चौपाइयों का उल्लेख करते हुए कहा सीता राममय सब जग जानी, करहिं प्रनाम जोरि जुग पानी। कहा कि कि माता सीता और भगवान राम का संबंध संपूर्ण संसार को धर्म और शक्ति का मार्ग दिखाने वाला है। सत्य और धर्म की सदैव जीत होती है और यह संबंध पति-पत्नी के बीच के नि:स्वार्थ प्रेम का विजय है। महाराज ने कहा राजा दशरथ और उनके पुत्रों के संबंध ने समाज को दिखाया कि परिवार में एकता, समर्पण और निष्ठा से बड़ी कोई शक्ति नहीं होती। माता सीता ने अपने संपूर्ण जीवन में यह सिद्ध किया कि स्त्री का बल उसकी धर्मपरायणता में निहित है जो उसे संसार की सबसे बड़ी शक्ति बना देती हैं। इस दौरान अधिवक्ता राजकुमार पांडे, प्रभुनाथ दुबे ,धनेश्वर गौतम, विपिन तिवारी, विशेश्वर गुप्ता, चंद्रदत्त त्रिपाठी आदि भारी संख्या में भक्त श्रद्धालु कथा का श्रवण किया।




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