(मेरठ)जेल में बंद गुर्जर समाज के लोगों से मिले सोमेंद्र तोमर

  • 25-Sep-25 12:00 AM

मेरठ 25 सितंबर (आरएनएस ) दादरी गांव में हुए हालिया बवाल ने राजनीतिक रंग ले लिया है। इस घटना में गिरफ्तार 22 लोगों को मेरठ की चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में रखा गया है। उन्होंने जेल के भीतर भूख हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी है। इस घटनाक्रम के बाद गुरुवार को राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर जेल पहुंचे और आरोपियों से मुलाक़ात की।मुलाक़ात के बाद मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विपक्ष विभिन्न जातियों के बीच फूट डालने और सामाजिक सौहार्द बिगाडऩे की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार द्वारा बनाए गए शांतिपूर्ण माहौल को विपक्ष बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। डॉ. तोमर ने इस बात पर जोर दिया कि गुर्जर और ठाकुर समाज के लोग आपस में भाई-भाई हैं।पूर्व सांसद आजम खान के बारे में भी बात कीइसके साथ ही उन्होंने पूर्व सांसद आजम खान के बारे में भी बात की और कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने लंबे समय तक समाजवादी पार्टी में रहने के बाद भी, जेल से रिहा होने पर कोई भी सपा नेता उनसे मिलने नहीं गया। यह बयान राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के संकेत देता है और इस घटना को और भी पेचीदा बनाता है।जेल में भूख हड़ताल की चेतावनीजेल में बंद आरोपियों द्वारा भूख हड़ताल की चेतावनी ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है। यह संकेत देता है कि आरोपी अपनी गिरफ्तारी और जेल में रहने के हालात से असंतुष्ट हैं। इससे यह भी पता चलता है कि इस घटना के पीछे गहरे राजनीतिक कारण हो सकते हैं जो अब सतह पर आ रहे हैं।विपक्ष पर आरोपविपक्ष पर जातिगत तनाव फैलाने का आरोप लगाते हुए राज्यमंत्री ने सरकार की शांति बनाए रखने की कोशिशों को रेखांकित किया। हालांकि, विपक्ष के पास भी इस घटना को लेकर अपनी दलीलें होंगी जो आने वाले समय में सामने आ सकती हैं।मामले का निष्पक्ष समाधान जरूरीयह मामला अब केवल एक स्थानीय घटना नहीं रह गया है, बल्कि यह एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है। आगे की जांच और न्यायिक प्रक्रिया इस बात को स्पष्ट करेगी कि इस घटना के पीछे वास्तविक कारण क्या हैं और आरोपियों को कितना न्याय मिलेगा। साथ ही, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस घटना के बाद विभिन्न राजनीतिक दल किस तरह से अपनी भूमिका निभाते हैं और क्या वे सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए मिलकर काम करेंगे। इस घटना से सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा है और इस मामले का निष्पक्ष और निष्पक्ष तरीके से समाधान होना बेहद जरूरी है।




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