(मेरठ)सुभारती बुद्ध मेले के दूसरे दिन बही काव्य रसधार तो अकादमिक गतिविधियों का भी हुआ आयोजन

  • 13-Oct-25 12:00 AM

मेरठ 13 अक्टूबर (आरएनएस ) स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में लगातार अकादमिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के द्वारा विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास किया जा रहा है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय में संघमाता डॉ. मुक्ति ग्लोबल बुद्धिस्ट फाउंडेशन के साथ संयुक्त तत्त्वावधान में चतुर्थ सुभारती बुद्ध मेले का आयोजन हो रहा है, जिसमें दूसरे दिन भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।वहीं अकादमिक गतिविधियों के तहत विद्यार्थियों को फ्रेंच व कोरियन भाषा के सर्टिफिकेट कोर्सेज के प्रमाणपत्र दिए गए तो आप्टोमेट्री विभाग के विद्यार्थी औद्योगिक भ्रमण पर नोएडा गए। मेले के दूसरे दिन आयोजित इस कवि सम्मेलन में ना केवल मेरठ बल्कि दिल्ली एनसीआर के विभिन्न भागों से आए हुए प्रख्यात कवियों एवं कवियत्रियों ने अपनी कविताओं के द्वारा तथागत बुद्ध के संदेशों को जनमानस तक पहुंचाया।बता दे कि इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ. किरण सिंह ने की तो वहीं महाकवि डोरीलाल भास्कर, राम गोपाल भारती, मंगल सिंह मंगल, सुल्तान सिंह, सुरेन्द्र खेड़ा, कवि गम्भीर जी, अमन जैन व उमंग गोयल आदि शामिल रहे। कवि सम्मेलन का संचालन विवेक बाफर ने किया। वहीं दूसरी ओर सुभारती विश्वविद्यालय अपने छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन कर रहा है। इसी क्रम में भाषा विभाग द्वारा प्रमाणपत्र वितरण समारोह और एलाइड हेल्थकेयर कॉलेज द्वारा फील्ड विजिट का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य छात्रों को भाषाई दक्षता और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना था।फ्रेंच और कोरियन भाषा प्रमाणपत्र वितरणविश्वविद्यालय के राहुल सांकृत्यायन सुभारती स्कूल ऑफ लिंग्विस्टिक्स एंड फॉरेन लैंग्वेजेज (भाषा विभाग) में फ्रेंच और कोरियन भाषा के प्रमाणपत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया। यह पाठ्यक्रम लेफ्रे हिन्दी संस्था एवं इंडो-कोरिया बिजऩेस एंड कल्चर सेंटर के साथ हुए एमओयू के तहत संचालित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में फ्रेंच भाषा के दस विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए, जबकि कोरियन भाषा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अदिति को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. (डॉ.) पी. के. शर्मा ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि विदेशी भाषाओं का ज्ञान वैश्विक रोजगार और संस्कृति के नए द्वार खोलता है।




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