(मेरठ) फसल अवशेष जलाने के सम्बन्ध में किसानों को जागरूक करने हेतु की गई व्यवस्था-जिलाधिकारी
- 04-Oct-25 12:00 AM
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मेरठ, 04 अक्टूबर (आरएनएस)। जिलाधिकारी डा0 वी0के0 सिंह ने जनपद के समस्त कृषकगणों को सूचित करते हुये बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन एवं फसल अवशेष नहीं जलाने के सम्बन्ध में किसानों को जागरूक करने एवं फसल अवशेष जलाये जाने से हो रहे प्रदूषण की रोकथाम हेतु निम्नवत् व्यवस्था की गयी है।कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ यथा सम्भव सुपर एस.एम.एस. का प्रयोग किया जाये जिससे पराली प्रबन्धन कटाई के समय ही हो जाये। सुपर एस. एम.एस के विकल्प के रूप में अन्य फसल अवशेष प्रबन्धन के यन्त्र जैसे-स्ट्रारीपर स्ट्रारेक व बेलर, मल्चर, पैडी स्ट्राचापर, श्रबमास्टर, रोटरी स्लेशर, रिवर्सिबुल एम.बी. प्लाऊ का भी प्रयोग कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ किया जाये, जिससे खेत में फसल अवशेष बण्डल बनाकर अन्य उपयोग में लाया जा सके अथवा काटकर गिट्टी में मिलाया जा सके। कम्बाईन हार्वेस्टर के संचालक की जिम्मेदारी होगी कि कटाई के दौरान उपरोक्त समस्त व्यवस्था स्वयं सुनिश्चित कराते हुये कटाई का कार्य करेगें।यदि कम्बाइन स्वामी द्वारा बिना फसल अवशेष प्रबन्धन के यंत्रों यथा एस.एम.एस. स्ट्रारीपर, स्ट्रारेक आदि का उपयोग किये बिना कम्बाइन का प्रयोग किया जाता है, तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। यदि कोई किसान बिना पराली को हटाये रबी की बुवाई के समय जीरो टिल सीड कम फर्टी ड्रिल, हैपीसीडर या सुपर सीडर का प्रयोग कर सीधे बुवाई करना चाहता है या फिर डीकम्पोजर का प्रयोग कर पराली का प्रबन्धन करना चाहता है तो ऐसे किसान अनिवार्य रूप से इस आशय का घोषण पत्र सम्बन्धित उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी को देगें कि उसके द्वारा पराली नहीं जलायी जायेगी, अपितु रबी की बुवाई के समय उक्त यन्त्रों/डीकम्पोजर का प्रयोग किया जायेगा।यदि जनपद में उक्त शिथिलता/संशोधन का दुरूपयोग कर पराली जलाने की घटनायें प्रकाश में आती है तो जिलाधिकारी अधिकृत होगें कि वह कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ सुपर एसएमएस लगाये जाने की अनिवार्यता की पूर्व व्यवस्था अपने स्तर पर लागू कर लें। जनपद के समस्त कृषि बंधुओं से अनुरोध है कि फसल अवशेष को न जलाये तथा अपनी मृदा स्वास्थ्य को बेहतर बनाये। पराली प्रबन्धन किये जाने हेतु अधिक से अधिक से अधिक पराली को मिट्टी में मिलाकर कम्पोस्ट खाद्य बनाकर, गौशालाओ/गौसेवकों को उपलब्ध कराकर एवं कृषि यंत्र बेलर के माध्यम से बेल्ड पराली हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, बदायूँ को उपलब्ध करायी जा सकती है।फसल अपशिष्ट जलाने पर 2 एकड़ से कम क्षेत्रफल के कृषकों से रूपये 5,000.00 प्रति घटना, 2-5 एकड़ वाले कृषकों से रुपये 10,000.00 प्रति घटना एवं 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र वाले कृषकों से रूपये 30,000.00 प्रति घटना दण्ड दिये जाने के साथ राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा-24 के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति की वसूली एवं धारा-26 के अन्तर्गत उल्लघंन की पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरुद्ध कारावास एवं अर्थदण्ड लगाये, जाने के सम्बन्ध कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं।
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