(रतलाम)अच्छाई पर विश्वास, सच्चाई का आभास और बुराई से बचाव है योग्यता की कसौटी -आचार्य प्रवर श्री विजयराजजी मसा

  • 04-Dec-23 12:00 AM

रतलाम, आरएनएस, 04 दिसंबर। मनुष्य जीवन में अच्छाई पर विश्वास, सच्चाई का आभास और बुराई से बचाव होना जरूरी है। हर व्यक्ति के लिए योग्यता की ये ही कसौटी है। कसौटी का जीवन में बहुत महत्व होता है। कसौटी सोने की असलियत बताती है। बहुतों को योग्यता का अहंकार होता है, किंतु कसौटी पर खरे उतरने वाले ही विरले होते है।यह बात परम पूज्य, प्रज्ञा निधि, युग पुरूष आचार्य प्रवर विजयराजजी म.सा.ने कही। बागडों का वास स्थित समरथ भवन में सोमवार सुबह प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि अच्छाई से सफलता मिलती है। अच्छाई से जो सफलता प्राप्त करता है, वह सदैव बनी रहती है। इसके विपरीत बुराई से सफलता तो मिल जाती है, लेकिन वह अधिक दिनों तक नहीं टिकती। हर व्यक्ति को अच्छाई पर विश्वास करना चाहिए, क्योंकि अच्छाई से ही अच्छाईयों को आकर्षित किया जा सकता है।आचार्यश्री ने कहा कि अच्छाई और सच्चाई एक-दूसरे के पूरक है। दुनिया में सफल कार्यो में सच्चाई का अहम योगदान रहता है। हमे सच्चाई को सदैव अनुभव करना चाहिए, ताकि इससे कभी दूर नहीं हो सके। सच्चाई के साथ बुराई से दूर रहा जा सकता है। जीवन में यदि एक भी बुराई को स्थान दिया, तो उनके अनेक होने में देर नहीं लगती। बुराईयों से दूर रहकर सच्चाई और अच्छाई का जीवन जीने वाला सदैव सफल होता है।आचार्यश्री ने कहा कि सत्ता और हिंसा के बल से पाप पर कभी नियंत्रण नहीं किया जा सकता। परम सत्ता पर विश्वास करके ही हर पाप पर नियंत्रण होता है। आरंभ में उपाध्याय प्रवर श्री जितेशमुनिजी मसा ने आत्मा की विवेचना की। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति यदि परम आनंद से युक्त है, लेकिन उसे आत्मा के स्वरूप की जानकारी नहीं होगी, तो परम आनंद की अनुभुति नहीं होगी। आत्मा और शरीर के भेद विज्ञान को समझने से ही सम्यत्व की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर कई धर्मावलंबियों ने तपस्या के प्रत्याख्यान लिए। संचालन हर्षित कांठेड द्वारा किया गया।




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment