(रतलाम)इसरथूनी में बंदरों का आतंक, एक हफ्ते में दर्जनों लोगों पर हमला, कई लोग घायल
- 03-Sep-25 12:00 AM
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रतलाम, आरएनएस, 03 सितम्बर। बारिश के दिनों में झरने के लिए प्रसिद्ध समीपस्थ ग्र्राम इसरथूनी में इन दिनों बंदरों ने आतंक मचा रखा है। गांव में आए बंदरों के एक दल ने पिछले करीब एक हफ्ते में बारह से अधिक लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया है। बुधवार (आज) को बंदरों नें दो लोगों को अपना शिकार बनाया। घायलों को मेडीकल कालेज में भर्ती कराया गया है।इसरथूनी निवासी राजेश धाकड़ ने बताया कि बंदरों ने पिछले करीब एक सप्ताह से गांव में आतंक मचा रखा है। बंदरों ने हमला करके दस बारह व्यक्तियों को घायल कर दिया है। बंदरों के हमले की शुरुआत 24 अगस्त से हुई जब उन्होंने अपने घर से बाहर खेल रहे एक ढाई साल के नन्हें बच्चे अथर्व मण्डलोई को अपना शिकार बनाया। बंदरों ने अथर्व पर हमला कर उसे घायल कर दिया। इसके बाद तो बंदरों के हमलों में घायल होने वालों की लम्बी लाइन बन गई।बंदरों ने चौदह वर्षीय गूंजन शर्मा की पीठ पर काटा। फिर हार्दिक डाबी नामक बालक के घुटने के पिछले हिस्से पर काटा। इसके बाद अभिषेक पिता शंकर खराडी नामक बालक को भी बंदरों ने अपना शिकार बनाया और उसके पैर पर काट लिया। इसरथूनी के ग्रामीणों ने बंदरों के हमले की सूचना वन विभाग के अधिकारियों तक भी पहुंचाई, लेकिन वन विभाग की ओर से अब तक इस शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।गांव वालों का कहना है कि गांव के लोगों के लिए बंदर आतंक का पर्याय बन गए है। ये बंदर, घर के बाहर बैठे लोगों पर हमला कर देते है, खेत पर आने जाने के दौरान भी कई किसानों पर बंदर हमला कर चुके है। आज भी बंदरों ने दो लोगों पर हमला कर दिया। गांव के पचास वर्षीय किसान भागीरथ पिता कैलाश धाकड़ पर बंदरों ने हमला कर उन्हें घायल कर दिया। इसके अलावा तेजराम धाकड पर भी बंदरों ने हमला किया है। दोनो ही घायलों को उपचार के लिए मेडीकल कालेज में भर्ती कराया गया है।दूसरी ओर वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसरथूनी में बंदरों के हमलों की जानकारी मिलते ही विभाग ने बंदरों को पकडऩे के प्रयास प्रारंभ कर दिए है। वन विभाग के एसडीओ एसआर नरगेश ने बताया कि बंदरों को पकडऩे के लिए गांव के बाहर पिंजरा लगाया गया है और वहां कर्मचारी भी तैनात किए गए है। उन्होंने बताया कि पिंजरे में दूसरे बंदर तो पकड़ा गए, लेकिन हमला करने वाला बंदर अब तक पिंजरे में नहीं फंसा है।श्री नरगेश के मुताबिक हमला करने वाले बंदर को पकडऩे के लिए ट्रांक्यूलाइजर गन का उपयोग करने की योजना भी बनाई गई है। विभाग ने ट्रांक्यूलाइजर गन मंगवाने के लि पत्र भी लिखा है, लेकिन समस्या यह है कि पूरे उज्जैन रेंज में ट्रांक्यूलाइजर गन चलाने के प्रशिक्षित अधिकारी एक ही है। उन्हें जल्दी से जल्दी रतलाम लाने की कोशिश की जा रही है, ताकि हमला करने वाले बन्दर को तुरंत पकड़ा जा सके।
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