(रतलाम)एकाशना दिवस के रूप में मना मनाया आचार्य प्रवर श्री विजयराजजी मसा का जन्म दिवस
- 18-Oct-23 12:00 AM
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-सैकडों गुरूभक्तों ने किए एकाशना -गुणानुवाद सभा में गुणों के अनुसरण का संकल्प रतलाम, आरएनएस, 18 अक्टूबर। परम पूज्य, प्रज्ञा निधि, युगपुरूष, आचार्य प्रवर 1008 श्री विजयराजजी मसा का 65 वां जन्म दिवस एकाशना एवं सामायिक दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर सैंकडों गुरूभक्तों ने एकाशना और सामायिक की। सुबह गुणानुवाद सभा में आचार्यश्री के गुणों का वंदन करते हुए उनका अनुसरण करने का संकल्प लिया गया। इसके साथ ही गुरू सप्ताह महोत्सव का समापन हो गया। छोटू भाई की बगीची में आचार्यश्री के जन्म दिवस पर हुई गुणानुवाद सभा में असंख्य धर्मालुजन उपस्थित रहे। सभा को उपाध्याय प्रवर श्री जितेश मुनि जी मसा श्री युगप्रभजी म सा,श्री धेर्य मुनि जी म सा,श्री वेराग्य प्रिय जी म सा,श्री विशाल प्रिय जी म सा, श्री नमन प्रिय जी म सा ,श्री जयमंगल जी म सा,महासती जी,श्री प्रभावती जी म सा,श्री कनक प्रिय जी म सा,श्री पदमश्री जी म सा,श्री इन्दुप्रभा जी म सा, श्री ख्याति श्री जी म सा,श्री चिन्तन प्रज्ञा श्रीजी म सा, विजेंद्र गादिया, हर्षित काठेंड़, निर्मल पितलिया नीमच,पूर्व राष्ट्रीय महामन्त्री कमल खाबिया मुम्बई, अशोक बाफना मुम्बई, मुकेश जैन नारनौल, महावीर संचेती छत्तीसगढ़, भागचंद विजयनगर ,देशना सकलेचा, सुनिता बोरदीया भीलवाड़ा , प्रेमदास सेवादार ने संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने आचार्य श्री के सहज ,सरल , सौम्य और मधुर व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला7 उन्होंने कहा कि संत है,तो संस्कृति और संस्कार है। आचार्य श्री का पूरा जीवन सादगी की मिसाल है , इसका अनुसरण सबको करना चाहिए 7 महासती श्री इन्दुप्रभाजी मसा ने इस मौके पर 30 उपवास मासक्षमण के प्रत्याख्यान लेकर अपनी गुरूभक्ति का परिचय दिया। आचार्यश्री ने अंत में सबके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की 7 धर्मसभा में बडी संख्या में श्रावक-श्राविकागण उपस्थित रहे।शाम को विधायक चेतन्य काश्यप ने नवकार भवन पहुंचकर आचार्यश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।
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