(रतलाम)क्रिटिकल बूथों पर तैनात किये जायेंगे माइक्रो आब्जर्बर
- 29-Oct-23 12:00 AM
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केंद्र शासन या केंद्र शासन के उपक्रमों के कर्मचारी होंगे माइक्रो आब्जर्बररतलाम, आरएनएस , 29 अक्टूबर। भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा का स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने क्रिटिकल बूथों पर बेबकास्टिंग या सीसी टीव्ही कैमरों से नजर रखने के अलावा प्रत्येक क्रिटिकल बूथ पर माइक्रो आब्जर्बर भी तैनात करने के निर्देश दिये हैं। निर्वाचन आयोग के निर्देश हैं कि गैर सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) उपायों में एक के रूप में माइक्रो आब्जर्बर को भी मतदान के दिन महत्वपूर्ण मतदान केंद्रों के लिये नियुक्त किया जा सकता है। निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक माइक्रो आब्जर्बर क्रिटिकल बूथों पर मतदान के दिन की प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखेगा। उसका कार्य यह देखना है कि निर्वाचन प्रक्रिया निष्पक्ष और स्वतंत्र रीति से चले तथा मतदान प्रक्रिया दूषित न हो। निर्वाचन आयोग के मुताबिक माइक्रो आब्जर्बर मतदान के दिन निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त सामान्य प्रेक्षकों के निरंतर सम्पर्क में रहेंगे तथा मतदान को प्रभावित करने सकने वाली प्रत्येक गतिविधि की सूचना सीधे मोबाइल फोन या वायरलेस या संचार के अन्य किसी साधन से सामान्य प्रेक्षकों को देंगे। मतदान समाप्ति के बाद माइक्रो आब्जर्बर निर्धारित प्रारूप में अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सामान्य प्रेक्षकों को ही सौपेंगे। भारत निर्वाचन आयोग ने कहा है कि माइक्रो आब्जर्बर केंद्र शासन के या केंद्र शासन के उपक्रमों के कर्मचारियों को बनाया जा सकेगा। ये कर्मचारी ग्रुप सी से निम्न नहीं होंगे। ऐसे कर्मचारी माइक्रो आब्जर्बर के रूप में अपने निवास के जिले में मतदान केंद्रों पर नियुक्त किये जा सकेंगे। हालांकि उनका उपयोग उनके गृह विधानसभा क्षेत्र में नहीं किया जायेगा। ऐसी स्थिति में जहाँ जिले में माइक्रो आब्जर्बर के रूप में नियुक्त करने के लिये पर्याप्त संख्या में केंद्र शासन अथवा केन्द्र शासन के उपक्रमों के कर्मचारी उपलब्ध नहीं हैं, वहां पड़ोसी जिलों में पदस्थ भारत सरकार या केंद्रीय उपक्रमों के कर्मचारियों को माइक्रो आब्जर्बर बनाया जा सकेगा।निर्वाचन आयोग ने कहा है कि दुर्लभ स्थितियों में केंद्र या राज्य शासन के सेवा निवृत्त ऐसे अधिकारी का भी उपयोग माइक्रो आब्जर्बर तौर पर जा सकता है, जो ग्रुप सी से कम नहीं हो। ऐसे सेवानिवृत्त अधिकारियों को उनके निवास वाले विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्रों पर नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे व्यक्तियों की सूची डीईओ द्वारा पहले से तैयार की जानी चाहिये और उनकी उपलब्धता एवं इच्छा का पता लगाया जाना चाहिये।
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