(रतलाम)छोटू भाई की बगीची में प्रवचन-नियमों के पालन में डरपोक नही, साहसी बनो-आचार्य प्रवर श्री विजयराजजी मसा
- 25-Oct-23 12:00 AM
- 0
- 0
रतलाम, आरएनएस, 25 अक्टूबर। संसार में जितने भी अच्छे व्यक्ति हुए है, उन्होंने अपने अंदर का डर निकाला है। साहसपूर्वक कार्य करने से ही व्यक्ति महान बनता है। डरपोक कोई काम नहीं कर पाता। डर में घर में आलस बैठा है। यदि जीवन में सफल होना है, तो नियमों के पालन में डरपोक नहीं, साहसी बनो।यह बात परम पूज्य, प्रज्ञा निधि, युगपुरूष, आचार्य प्रवर 1008 श्री विजयराजजी मसा ने कही। छोटू भाई की बगीची में चातुर्मासिक प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि डर का कोई भविष्य नहीं है। त्याग और वैराग्य के मार्ग पर चलने के लिए भी निडर बनना आवश्यक है। डर हमे अकर्मण्य और आलसी बनाता है, इससे बचना चाहिए। साईकिल चलाने वाला व्यक्ति भी निडर रहता है, तभी आगे चलकर हवाई जहाज उडाने वाला तक बन जाता है। साहस सफलता की महत्वपूर्ण सीढी है, इसके सहारे व्यक्ति अच्छे से अच्छी सफलताएं अर्जित कर सकता है।आचार्यश्री ने कहा कि निडर व्यक्ति ही दृड रह सकता है। संयम के जीवन में जितना साहस और उत्साह रहता है, उतनी सफलता मिलती है। डरपोक व्यक्ति का आत्म विश्वास कमजोर हो जाता है। इसलिए डर से बचना चाहिए। डर से बचने के लिए मन का साफ होना जरूरी है। मन साफ रहने पर सफलता मिलना निश्चित है। यदि उत्साह और साहस से कोई कार्य किया जाता है, उसमें हर हाल में व्यक्ति सफल होगा।उपाध्याय प्रवर श्री जितेश मुनिजी मसा ने इससे पूर्व धर्म की महिमा का गुणगान किया। उन्होंने तप, त्याग और संयम का पालन कर आत्म कल्याण करने की प्रेरणा दी। प्रवचन में कई धर्मावलंबियों ने तपस्या के प्रत्याख्यान लिए। इस दौरान बडी संख्या में श्रावक-श्राविकागण उपस्थित रहे।
Related Articles
Comments
- No Comments...