(रतलाम)छोटू भाई की बगीची में प्रवचन-

  • 14-Oct-23 12:00 AM

जीवन में श्रद्धा होना बहुत बडा चमत्कार-आचार्य प्रवर श्री विजयराजजी मसारतलाम,14 अक्टूबर (आरएनएस)। पूज्य, प्रज्ञा निधि, युगपुरूष, आचार्य प्रवर 1008 श्री विजयराजजी मसा ने बुद्धिवान बनने के बजाए श्रद्धावान बनने का आव्हान किया। उन्होने कहा कि बुद्धि चमत्कार ढूंढती है, लेकिन श्रद्धा जीवन में चमत्कार पैदा कर सकती है। जीवन में श्रद्धा होना बहुत बडा चमत्कार है।आचार्यश्री ने छोटू भाई की बगीची में आयोजित चातुमार्सिक प्रवचन में कहा कि बुद्धि का काम चमत्कार ढूंढना ही होता है, उसे जहां चमत्कार दिखता है, वहीं चली जाती है, लेकिन बुद्धि का चमत्कार ज्यादा दिन चलता नहीं है। इसीलिए बुद्धि के धरातल पर नहीं, वरन श्रद्धा के धरातल पर जीना चाहिए। श्रद्धा से बडे-बडे चमत्कार हुए है। महापुरूष भी कभी चमत्कार करते नहीं, श्रद्धा के कारण उनके जीवन में चमत्कार खुद हो जाते है।आचार्यश्री ने कहा कि वाल्मिकी ऋ़षि के जीवन में कितना चमत्कार हुआ। साधु बनने के बाद श्रद्धा से राम-राम का जाप करके उन्होंने रामायण की रचना कर दी। संसार में जितने भी महापुरूष हुए है, उनके जीवन में सम्यक ज्ञान, सम्यक दर्शन और सम्यक चारित्र की तप साधना रही है। बुद्धि तो चींटी की तरह होती है, जैसे चींटी शक्कर का दाना ढूंढती है, वैसे ही बुद्धि भी चमत्कार ढूंढती है। विडंबना है कि आज संसार में श्रद्धा कम है और लोग चमत्कार ढूंढते रहते है। सांसारियों को धन, दौलत, वैभव, सत्ता और संपत्ति प्यारी होती है, लेकिन ये सभी पुण्य की बदौलत मिलते है। पुण्य अर्जन के लिए श्रद्धावान और आस्थावान बनना चाहिए।आरंभ में श्री रत्नेशमुनिजी मसा एवं महासती श्री ख्यातिश्रीजी मसा ने गुरू महिमा का गुणगान किया। इस मौके पर नागदा श्री संघ की और से राजेन्द्र कांठेड ने नववर्ष की मांगलिक नागदा में श्रवण कराने की विनती की। गुरू सप्ताह महोत्सव के तहत शनिवार को राष्ट्रीय दया व संवर दिवस मनाया गया। 15 अक्टूबर को राष्ट्रीय अनुकम्पा दिवस एवं 16 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वाध्याय दिवस मनाया जाएगा। अभा साधुमार्गी शांतक्रांति जैन युवा संघ ने समाजजनों से अधिक से अधिक सहभागिता करने का आव्हान किया है।




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