(रतलाम)पेंशनर समाज द्वारा पेंशनर क्रांतिकारी मोर्चा का गठन

  • 02-Sep-25 12:00 AM

प्रदेश सरकार द्वारा 4.5 लाख पेंशनरों की उपेक्षा करने से पेंशनरों में आक्रोशरतलाम, आरएनएस, 02, सितम्बर। प्रदेश सरकार निरन्तर प्रदेश के 4.5 लाख पेंशनरों की उपेक्षा कर रही है जिससे पेंशनरों में तीव्र आक्रोश एवं असंतोष है। सरकार एक तरफ पेंशनरों की नहीं सुन रही है और उनकी वाजिब मांगों को अनदेखा कर रही है वहीं विधायकों के वेतन भत्ते एवं पेंशन में वृद्धि के प्रस्ताव पारित करवा रही है। जबकि सरकार अपना काम कर्ज लेकर चला रही है। प्रदेश सरकार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के पेंशनरों के पक्ष में हुए फैसलों को भी लागू नहीं कर पेंशनरों को प्रताडि़त कर रही है। पेंशनरों ने अपने जीवन के 35-40 साल शासकीय सेवा में रहकर निष्ठापूर्वक कार्य कर खपाये हैं जबकि विधायक कोई सरकारी कर्मचारी नहीं है और शासकीय सेवक की भांति प्रदेश प्रशासन का कार्य नहीं करते हैं। फिर भी उनको वेतन, भत्ते बढ़ा कर लाभ दिया जा रहा है। यह पेंशनरों के साथ खुला अन्याय है।प्रदेश के 4.5 लाख पेंशनरों की 2019 से महंगाई राहत को केन्द्रीय तिथि नहीं देकर सरकार पेंशनरों का लाखों रुपया हड़प गई है। आज भी प्रदेश का पेंशनर केन्द्रीय कर्मचारियों से और केन्द्र सरकार की घोषणा के चलते 2 प्रतिशत और जुलाई 2025 से केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 3 प्रतिशत महंगाई राहत कुल मिलाकर 5 प्रतिशत डीआर से पीछे चल रहा है। सरकार के इस उपेक्षापूर्ण रवैये के चलते मप्र पेंशनर समाज ने कुछ पेंशनरों संगठनों के साथ मिलकर पेंशनर क्रांतिकारी मोर्चा का गठन कर पेंशनरों के हक की लड़ाई का शंखनाद किया है। पेंशनर प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों कीश्रेणी में है।मप्र पेंशनर समाज के प्रांताध्यक्ष डीपी दुबे के अनुसार मोर्चा प्रदेश सरकार से निम्न मांगों को तुरन्त स्वीकार करने की मांग करता है। (1) मप्र छग राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(06) की समाप्ति। (2) प्रदेश पेंशनरों का लंबित 5त्न डीआर का भुगतान। (3) केन्द्रीय दर पर और उसी तिथि से प्रदेश पेंशनरों को डीआर भुगतान। (4) छठें व सातवें वेतनमान के क्रमश: 27 एवं 32 माह के एरियर का तुरन्त भुगतान। (5) 79 वर्ष पूर्ण होने पर आयु के 80 वे वर्ष के प्रारंभ के प्रथम दिन से 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन का भुगतान एवं (6) पेंशनरों के लिए 10 लाख रुपए तक की केशलेस इलाज की व्यवस्था को स्वीकृत किया जाए।पेंशनर समाज जिला रतलाम के अध्यक्ष सुरेन्द्र छाजेड़ ने प्रदेश सरकार से हठधर्मिता छोड़ कर पेंशनरों की वाजिब हक वाली मांगों को मानने एवं आदेश जारी करने का अनुरोध किया है। श्री छाजेड़ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जिला और संभाग पेंशन कार्यालय बंद नहीं किए जाए और पीपीओ जारी करने के लिए केन्द्रीय कार्यालय के लिए की जा रही केन्द्रीयकरण योजना रद्द की जाय। केन्द्रीयकरण करने से भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पीपीओ प्राप्त करने और आवश्यकता होने पर उसमें सुधार करवाने में भारी परेशानी उठाना पड़ेगी।




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