(रतलाम)प्रेरणा के दम पर ही टिका है संसार का अस्तित्व - आचार्य प्रवर श्री विजयराजजी मसा

  • 03-Oct-23 12:00 AM

-छोटू भाई की बगीची में प्रवचन रतलाम, आरएनएस, 03 अक्टूबर। परम पूज्य, प्रज्ञा निधि, युगपुरूष, आचार्य प्रवर 1008 श्री विजयराजजी मसा का कहना है कि संसार में प्रेरणा नहीं हो, तो कुछ नहीं है। संसार का अस्तित्व प्रेरणा के दम ही टिका है। समाज और देश में जो सभी अच्छे कार्य हो रहे है, वे प्रेरणा के कारण हो रहे है। प्रेरणा ही पात्रता की जननी है।छोटू भाई की बगीची में चातुर्मासिक प्रवचन देते हुए आचार्य श्री ने कहा कि हम सबकी माताएं अलग-अलग हो सकती है, लेकिन पात्रता की एक ही जननी प्रेरणा होती है। इसके बिना कोई अच्छा कार्य नहीं हो सकता। संसार में पात्रता जब भी पैदा होती है, तो संतों की प्रेरणा से होती है। हमारे स्वभाव पर ही सबकुछ निर्भर है। व्यक्ति को जब संदर्भ समझ में आता है, तभी स्वभाव में बदलाव आता है। स्वभाव अच्छा होता है, तो व्यक्ति दिल में उतर जाता है और स्वभाव खराब होगा, तो दिल से उतर जाएगा। इसलिए संदर्भ को समझना चाहिए। संदर्भ समझकर स्वभाव बदलेंगे, तो सबकुछ अच्छा हो जाएगा।आचार्यश्री ने कहा कि संसार में दो ही जानकार है एक अंतर आत्मा और दूसरा परमात्मा। इनसे कुछ छुपा नहीं रहता। इसलिए यदि अपने अंदर कोई बुराई हो, तो उसका त्याग कर दो और अच्छाई ग्रहण करों। कई साधकों ने सत्संग में मिली प्रेरणा से अपने आप में बदलाव कर संयम पथ पर अग्रसर होने का मार्ग प्रशस्त किया है। आरंभ में उपाध्याय प्रवर श्री जितेश मुनिजी मसा ने आत्म कल्याण के लिए तप, त्याग और संयम की महत्ता बताई। महासती श्री इन्दुप्रभाजी मसा ने 15 उपवास के प्रत्याख्यान लिए। इस दौरान बडी संख्या में श्रावक-श्राविकागण उपस्थित रहे।




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