(रतलाम)संस्कृत और संस्कृति में निहित है वसुधैव कुटुम्बकम का संदेशसंस्कृत संस्थान चेयरमेन भरत बैरागी ने कहा

  • 11-Dec-23 12:00 AM

त्रिवेेणी है संस्कृत,संस्कृति, सनातन: शर्मा रतलाम, आरएनएस, 11, दिसंबर। भारत की बहुरंगी संस्कृति को और समृद्ध करने के लिए संस्कृत योग और आयुर्वेद को मिल रहे प्रोत्साहन की अहम भूमिका है। संस्कृत और संस्कृति में वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश निहित हैै, जो हमारी सनातन परम्परा के लिए गौरव का विषय है। यह बात पतंजली संस्कृत संस्थान भोपाल केे चेयरमेन और संस्कृत भारती मालवा प्रांत के संयोजक मंत्री भरत बैरागी ने कही। आयोजन संस्कृत भारती रतलाम के बेनर तले आयोजित किया गया था। अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार ऋषिकुमार शर्मा ने की। मुख्य अतिथि केे रुप में हिमालय इंटरनेशनल स्कूल की प्राचार्य श्रीमती सोनल वाजपेयी भट्ट मंचासीन रही।श्री बैरागी यहां लायंस हाल में आयोजित जनपद संस्कृत सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रुप में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पतंजलि संस्कृत संस्थान द्वारा संस्कृत को बढ़ावा देने और जन-जन तक पहुंचाने के सार्थक प्रयासों की जानकारी दी। श्री बैरागी ने राज्य शासन द्वारा संस्कृत महाविद्यालय प्रारंभ करने तथा संस्कृत के अध्ययन और अध्यापन की व्यवस्था के लिए की गई पहल से भी सदन को अवगत कराया। उन्होंने योग और आयुर्वेद को घर-घर पहुंचा कर पतंजली द्वारा स्वस्थ भारत निर्माण के लिए जारी अभियान की सराहना की।मुख्य अतिथि के रुप में वरिष्ठ पत्रकार ऋषिकुमार शर्मा ने संबोधन में कहा कि संस्कृत देवभाषा सहित कई भाषाओं की जननी तो है ही संस्कृति का पर्याय भी है। मनुष्य को सर्वागीण विकास करना है तो संस्कृत, संस्कृति और सनातन की त्रिवेणी को आत्मसात करना होगा। युवा पीढ़ी पर पाश्चात्य सभ्यता के दुष्प्रभाव को रोकने का यही मार्ग है। प्राचार्य सोनलल वाजपेयी ने मुख्य अतिथि उद्बोधन मे ंकहा कि संस्कृत भारती द्वारा संस्कृत भाषा को प्रतिष्ठित करने के लिए किए जा रहे प्रयास नई पीढ़ी को सही और उपयोगी मार्गदर्शन देने में अवश्य सफल होगी। यह राष्ट्र निर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने मंच पर संस्कृत प्रेमी, छात्र-छात्राओं द्वारा दी गई प्रस्तुतियां को भी सराहा।संस्कृत भारती मालवा प्रांत रतलाम विभाग द्वारा आयोजित समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित तथा मां भारती के चित्र पर माल्यार्पण से हुआ। भगिनी श्रीशा शर्मा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। भगिनी योग्यता ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। लघु नाटिका संस्कृत गृहम की प्रभावी प्रस्तुति को सभी ने सराहा। भगिनी माया चौहान की गीत प्रस्तुती, भैया प्रणव शर्मा द्वारा भगवत गीता के द्वादश अध्याय का पाठ, भैया लखन के अनुभव कथन प्रस्तुत किया। संचालन हरिओम ने तथा आभार मोहन ने माना।इस अवसर पर संस्था केे विभाग संयोजक गुरूप्रसाद शर्मा, जिला मंत्री नितेश द्विवेदी, सहमंत्री चेतन्य भट्ट, श्रीमती आरती, श्रीमती माया चौहान, श्रीमती श्वेता शर्मा, विवेक शर्मा, मकवाना, मयंक आदि उपस्थित थे।




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment