(रांची)आपराधिक मामलों के आरोपी पंद्रह लाख के इनामी नक्सली ने किया सरेंडर

  • 08-Nov-23 12:00 AM

रांची 8 नवंबर (आरएनएस)। प्रतिबंधित नक्सली भाकपा माओवादी के क्षेत्रीय कमेटी सदस्य (15 लाख इनामी) नवीन उर्फ ??सरबजीत यादव उर्फ ??विजय यादव, पिता-सिंघु यादव, ग्राम-बंसबूटा, थाना-प्रतापपुर, जिला-चतरा ने आत्मसमर्पण कर दिया. इनके खिलाफ झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में 72 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. डीसी अबु इमरान और एसपी राकेश रंजन ने प्रतिबंधित नक्सली सीपीआई-माओवादी सदस्य को गुलदस्ता भेंट किया. उक्त जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गयी है.प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार,प्रतिबंधित सीपीआई-माओवादी रीजनल कमेटी सदस्य (15 लाख का इनामी) नवीन उर्फ ??सरबजीत यादव उर्फ ??विज यादव पिता-सिंधु यादव, ग्राम-बंसबूटा, थाना-प्रतापपुर वर्ष 2000 ई में सीपीआई-माओवादी संगठन में शामिल हुआ था. अपने चचेरे भाई से जमीन विवाद के कारण भाकपा माओवादी में शामिल हो गया था। संगठन में सक्रिय रूप से काम करने के शुरुआती दौर में स्थानीय होने के कारण ग्रामीणों को संगठन से जुडऩे की जिम्मेदारी दी गई। कार्यशैली को देखते हुए वर्ष 2003 में तत्कालीन कमांडर अनुराग यादव के नेतृत्व में हुई बैठक में इसे एलओएस बनाया गया। वर्ष 2005 से 2007 तक उन्हें बाकेवाजार जिला-गया (बिहार) क्षेत्र का एरिया कमांडर बनाया गया और वर्ष 2007 से 2009 तक उन्हें गया, औरंगाबाद (बिहार) क्षेत्र का सब-जोनल कमांडर बनाया गया। वर्ष 2009 से 2012 तक उन्हें सेंट्रल जोन का जोनल कमांडर बनाया गया। वर्ष 2012 में उसे नक्सली संगठन भाकपा माओवादी नक्सली संगठन में रीजनल कमांडर का पद दिया गया और बिहार रीजनल कमेटी का सदस्य बनाया गया. इसके अलावा झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में लगभग 72 आपराधिक मामले दर्ज हैं।प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि झारखंड सरकार ने राज्य को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को क्रियान्वित करने के लिए झारखंड, रांची के पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक के नेतृत्व में झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर और अन्य केंद्रीय अर्धसैनिक बल सभी नक्सली संगठनों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई कर रहे हैं. इस दिशा में पुलिस को नक्सली संगठनों के खिलाफ लगातार सफलता भी मिल रही है. झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति नयी दिशा का व्यापक असर हो रहा है. पुलिस अधीक्षक की अनुशंसा पर पुलिस मुख्यालय एवं पुलिस महानिरीक्षक द्वारा नक्सलियों को खुली जेल में बंद करने का निर्णय लिया जायेगा. खुली जेल में भेजने में पहले कुछ सप्ताह का समय लगता था, जो अब घटकर कुछ घंटे रह गया है। सेंट्रल जोन में सबसे सुरक्षित माने जाने वाले चतरा-पलामू सब जोन में पिछले कुछ वर्षों में प्रतिबंधित नक्सली भाकपा माओवादी संगठनों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और इलाके में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी क्रम में झारखंड पुलिस और अन्य केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की लगातार कार्रवाई में सीपीआई माओवादी संगठन के कई शीर्ष कमांडर मारे गए और पकड़े गए तथा कई नक्सलियों ने भी झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति नई दिशा के तहत आत्मसमर्पण कर दिया। कुछ दिन पहले सीपीआई (एम) माओवादी 1. रीजनल कमेटी मेंबर (15 लाख इनामी) इंदल गंझू उर्फ ??ललन गंझू उर्फ ??उमा उर्फ ??बढऩ 2. जोनल कमांडर (10 लाख इनामी) अमरजीत यादव उर्फ ??टिंगू उर्फ ??लखन यादव 3. सब जोनल ( 05 लाख इनाम) ) कमांडर सहदेव यादव उर्फ ??लटन यादव, सुदर्शन 4. सब जोनल कमांडर नीरू यादव उर्फ ??सलीम, 5. सब जोनल कमांडर संतोष भुईया उर्फ ??सुकन, 6 दस्ता सदस्य अशोक बैगा उर्फ ??अशोक परहिया, पिता- तापी बैगा, ग्राम- सातु थाना-कुण्डा, जिला-चतरा ने झारखण्ड पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि नक्सली कमांडर ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसी से संपर्क कर मुख्यधारा में शामिल होने की इच्छा जताई, क्योंकि वह लगातार अभियान के साथ-साथ सीपीआई (एम) माओवादी संगठन के आंतरिक शोषण और धमकी से परेशान था.




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