(रांची)डॉ काउंट सीजऱ मैटी की 215 वी जयंती टाटा इलेक्ट्रो होम्यो मेडिकल कॉलेज में मनाया गया

  • 14-Jan-24 12:00 AM

रांची 14 जनवरी (आरएनएस)। ईलेक्ट्रो होम्योपैथी के आविष्कारक डा. काउंट सीजर मैटी की 215 वी जयंती घाटशिला स्थित टाटा ईलेक्ट्रो होम्यो मेडिकल कॉलेज में एक समारोह का आयोजन कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर मनाई गई.समारोह में उपस्थित ईलेक्ट्रो होम्योपैथी के चिकित्सकों और गण्यमान्य लोगों ने डा. मैटी के चित्र पर मल्यापर्ण कर श्रद्धा सुमन अर्पित की.समारोह की अध्यक्षता करते हुए कॉलेज के प्राचार्य डा. डी वाई विश्वकर्मा ने कहा कि ईलेक्ट्रो होम्योपैथी नये और पुराने रोगों की चिकित्सा में अग्रणी भूमिका की ओर पूरे भारत में अग्रसर है. इस पैथ की मान्यता हेतु भारत सरकार द्बारा गठित आइ डी सी लगभग 5 वर्षों मे ईलेक्ट्रो होम्यो पैथी के शिर्ष संस्थानों के साथ कई बैठकें कर चुकी हैं और ईलेक्ट्रो होम्योपैथ से संबंधित चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान की जानकारी ली है. सरकारी मान्यता के निर्णायक दौर मे पहुंचा गई है. राजस्थान सरकार द्बारा करीब पांच वर्ष पूर्व मान्यता दे चुकी हैं. कई राज्य के सरकार भी ईलेक्ट्रो होम्यो पैथी की मान्यता देने पर विचार कर रही हैं. उन्होंने कहा कि आगर हम अपने पैथ पर भरोसा कर सफलतापूर्वक चिकित्सा प्रदान करते तो सरकार भी मजबूर हो जाएगी मान्यता देने के लिए. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार ईलेक्ट्रो होम्यो पैथी के चिकित्सक ईलेक्ट्रो होम्यो पैथी औषधि का ही प्रयोग कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि डा.मैटी के बताये मार्गों पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.समारोह को संबोधित करते हुए डा. के मिश्रा ने डा. मैटी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मैटी साहब ने अपने जीवन काल में ईलेक्ट्रो होम्यो पैथी के औषधि के संबंध मे कहा था कि जो मनुष्य का भोजन हो सकता है वहीं उसका सर्वोत्तम औषधि होगा. इसलिए इन्होंने केवल वनस्पतियों से ही औषधियों का निर्माण किया. डा तपेश्वर शर्मा ने कहा कि विश्ववास से सफलता का मार्ग प्रश्स्त होती है. उन्होंने कहा कि मैनें सफलतापूर्वक सेलूलाईटिस जैसे रोग का चिकित्सा प्रदान किया हूँ. समारोह मे ईलेक्ट्रो होम्यो पैथी के चिकित्सको ने डा. मैटी के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए आपने अपने विचार व्यक्त किये.समारोह मे मुख्य रूप से डा. एस के पिगुआ,डा डीडी लोहरा, डा. संजीत कुमार महतो, डा. कंचन चौधरी, डा.पायल पाण्डेय, डा.संजीव कुमार लवंगियि, डा. शांतनु डे आदि उपस्थित थे.




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