(राजगढ़)कांग्रेस की विचारधारा आधारित नई पार्टी बनाऊंगा-पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह

  • 15-Jul-25 12:00 AM

राजगढ़ 15 जुलाई (आरएनएस)।कांग्रेस से हाल ही में निष्कासित किए गए पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह सोमवार को राजगढ़ पहुंचे। यहां उन्होंने दोपहर में गेस्ट हाउस में मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाने साधे। उन्होंने कहा कि जल्द ही कांग्रेस की विचारधारा पर आधारित, लेकिन एक नई पार्टी की नींव रखेंगे, जो मौजूदा कांग्रेस के समानांतर खड़ी होगी।लक्ष्मण सिंह ने पत्रकार-वार्ता में कहा कि मैं ऐसी कांग्रेस बनाऊंगा, जिसमें एक-एक कार्यकर्ता को प्राथमिकता मिलेगी। आज की कांग्रेस में न प्रदेश स्तर और न ही राष्ट्रीय स्तर पर कोई नेतृत्व दिख रहा है।उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस में बाहर से आने वाले पर्यवेक्षक बिना जमीनी समझ के निर्णय थोप देते हैं, जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है। पूर्व सांसद ने दावा किया कि हालिया विधानसभा चुनाव में पार्टी ने कई सीटें बेच दीं। उन्होंने कहा कि राजगढ़ सहित कई क्षेत्रों में रुपए लेकर टिकिट दिए गए। ऐसे माहौल में कौन ईमानदारी से काम करेगा? लक्ष्मण सिंह ने मीडिया से वादा किया कि वे इन टिकिट बिक्री के प्रमाण जल्द ही सामने लाएंगे।पत्रकार-वार्ता में जब उनसे उनके भाई दिग्विजय सिंह को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने तल्खी से कहा कि कौन कहता है राजगढ़ उनका है? न गुना हमारा है, न ग्वालियर सिंधिया का। हर क्षेत्र का पहला अधिकार वहां की जनता का है।हरदा लाठीचार्ज के मामले में सिंह ने प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह लाठीचार्ज अंग्रेजी हुकूमत की संस्कृति है। लोकतंत्र में संवाद पहले आना चाहिए, डंडा बाद में।लक्ष्मण सिंह कार्यकर्ताओं से बात करने के लिए सोमवार दोपहर साढ़े 12 बजे राजगढ़ पहुंचे। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी किया थे, जिसमें उन्होंने कांग्रेस संगठन की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई थी।वीडियो में उन्होंने कहा था कि पिछले 20 सालों से कांग्रेस विपक्ष में है। इसका कारण पार्टी में कार्यकर्ताओं की भावनाओं की उपेक्षा है। वे सर्किट हाउस में मौजूद रहेंगे। कार्यकर्ता उन्हें कहीं भी बुला सकते हैं।उन्होंने वीडियो में कहा था कि उनका उद्देश्य पार्टी को कमजोर करना नहीं है। वे नई सोच के साथ कांग्रेस को मजबूत करना चाहते हैं। उनका कहना है कि ऐसी कांग्रेस बनाएंगे, जहां हर कार्यकर्ता की आवाज सुनी जाएगी। भोपाल या दिल्ली से कोई निर्देश नहीं आएंगे। सभी निर्णय कार्यकर्ताओं की मर्जी से होंगे।




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