(रायगढ़) छोटी बहनकी हत्या के मामले में बड़ी बहन को उम्रकैद की सजा

  • 19-Sep-25 05:50 AM


रायगढ़, 19 सितम्बर (आरएनएस)। रायगढ़ जिले के पतरापाली गांव में दो बहनों के बीच घरेलू काम को लेकर हुआ झगड़ा दर्दनाक हत्या में बदल गया। अप्रैल 2024 में हुई इस घटना में बड़ी बहन नेहा कुमारी महतो (उम्र 20 वर्ष) ने अपनी छोटी बहन रंजिता कुमारी की खलबट्टे से सिर पर वार कर हत्या कर दी। कोर्ट ने अब इस मामले में फैसला सुनाते हुए नेहा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
पतरापाली निवासी दिनदयाल महतो की तीन बेटियां थीं। सबसे बड़ी बेटी रेखा की शादी हो चुकी है, जबकि नेहा और रंजिता अपने माता-पिता के साथ ही रहती थीं। नेहा घर के रसोई और अन्य घरेलू काम संभालती थी, जबकि रंजिता सिलाई का काम करती थी। घटना 24 अप्रैल 2024 की रात की है। रात 9 बजे नेहा ने रंजिता से खाना बनाने और लौकी छीलने को कहा, लेकिन रंजिता ने मना कर दिया। इस बात पर दोनों में विवाद हुआ। नेहा ने गुस्से में आकर कहा कि अगर खाना नहीं बनाएगी, तो खाना भी मत खाना। इसके बाद नेहा ने अकेले खाना बना लिया। कुछ देर बाद रंजिता ने तंज कसते हुए कहा कि वह खाना खा चुकी है और कमरे में जाकर सो गई। इससे नेहा और ज्यादा भड़क गई। उसने अपने पिता को दुकान से शक्कर लाने भेजा और मौका देखकर रसोई में रखे लोहे के खलबट्टे से सो रही बहन के सिर पर वार कर दिया। रंजिता के चीखने पर उसकी मां जाग ना जाए, इस डर से उसने दोबारा कई बार वार किया, जिससे उसकी मौत हो गई। हत्या के बाद नेहा ने रंजिता के शरीर को कंबल से ढक दिया और कमरे की लाइट बंद कर दी। फिर अपनी मां को उठाया और उनके साथ खाना खाया। मां के पूछने पर उसने झूठ कहा कि रंजिता खाना खाकर सो गई है। मां के ड्यूटी पर जाने के बाद नेहा मृत बहन के साथ ही कमरे में रही। अगले दिन सुबह उसने अपने पिता को रंजिता को उठाने भेजा, तभी पूरे मामले का खुलासा हुआ। सूचना मिलते ही कोतरा रोड थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को नेहा पर संदेह हुआ। सख्ती से पूछताछ करने पर नेहा ने जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। इस मामले की सुनवाई सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार जैन की अदालत में हुई, जहां अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक पी.एन. गुप्ता ने पैरवी की। सभी सबूतों और गवाहों के आधार पर अदालत ने नेहा कुमारी महतो को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूत मिटाने की कोशिश) के तहत दोषी पाते हुए उम्रकैद और आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई।
बंछोर
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