(रायपुर)छत्तीसगढ़ में 86 हजार से ज्यादा फर्जी राशन कार्ड, एक ही परिवार के लोग उठा रहे अलग-अलग राशन का लाभ
- 24-Sep-25 07:26 AM
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रायपुर, 24 सितबंर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राशन की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। राजधानी में एक ही परिवार के अलग-अलग सदस्यों द्वारा राशन का लाभ लिया जा रहा है। खाद्य विभाग की जांच में सामने आया है कि प्रदेश में 86 हजार से ज्यादा कार्ड डुप्लीकेट आधार नंबर से बने हैं। इनके जरिए नाबालिग से लेकर 110 साल से ज्यादा उम्र के लोग, जो एक ही परिवार के हैं वह भी राशन का लाभ रहे हैं।
जांच में खुलासा होने के बाद अब खाद्य विभाग इन सभी फर्जी कार्डों का भौतिक सत्यापन कर उन्हें रद्द कर रहा है। इसके अलावा राशन कार्ड धारकों से ई-केवायसी कराने की अपील की गई है, जिससे राशन कार्ड के दुरुपयोग को रोका जा सके।
डुप्लीकेट आधार कार्ड से बनाए फर्जी राशन कार्ड
खाद्य विभाग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रायपुर में कई राशन कार्ड डुप्लीकेट आधार कार्ड के जरिए फर्जी बनाए गए हैं। इनमें नाबालिगों के राशन कार्ड भी शामिल हैं, जो नियमों के खिलाफ है। जांच में सामने आया है कि रायपुर में 1800 से ज्यादा नाबालिगों के फर्जी राशन कार्ड पाए गए हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर दुर्ग (8,809) और तीसरे नंबर पर सरगुजा (4,776) है. इसके अलावा जशपुर (3,764), राजनांदगांव (3,551) और कोरबा (3,129) के साथ और भी कई जिले शामिल है।
निष्क्रिय आधार से भी मिल रहा सरकारी राशन
खाद्य विभाग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदेश में 1,05,590 निष्क्रिय आधार धारकों के नाम पर राशनकार्ड बने हैं। बिलासपुर (5,841), कवर्धा (8,701), जशपुर (5,681) और रायपुर (9,356) जिलों में हजारों निष्क्रिय आधार नंबरों से राशन लिया जा रहा था। इसके अलावा, 83,872 सदस्यों ने अभी तक ई-केवायसी नहीं कराया है। विभाग को शक है कि ऐसे कई सदस्य अन्य जिलों या प्रदेशों में पहले से पंजीकृत हो सकते हैं।
46 लाख सदस्यों का ई-केवायसी बाकी
प्रदेश में कुल 2.73 करोड़ राशनकार्डधारी सदस्य पंजीकृत हैं, जिनमें से 2.27 करोड़ का ई-केवाईसी हो चुका है, जबकि 46.34 लाख का अभी बाकी है। विभाग ने निर्देश दिए हैं कि पांच साल से अधिक उम्र के सभी लाभार्थियों का ई-केवायसी तुरंत पूरा किया जाए, इसके लिए 'मेरा ई-केवायसीÓ मोबाइल ऐप का उपयोग अनिवार्य है।
6 महीने तक राशन न लेने पर कार्ड निरस्त
खाद्य विभाग के नए आदेश के अनुसार, यदि कोई लाभार्थी छह माह तक राशन नहीं लेता, तो उसका कार्ड अस्थायी रूप से निरस्त कर दिया जाएगा। तीन माह के भीतर सत्यापन और ई-केवायसी के आधार पर ही कार्ड को दोबारा सक्रिय किया जाएगा।
जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई
नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने बताया कि खाद्य संचालनालय ने सभी जिलों के कलेक्टरों को फर्जी राशनकार्डों की भौतिक जांच के लिए विशेष टीमें गठित करने के निर्देश दिए हैं। जिन कार्डों पर वर्षों से अवैध रूप से राशन लिया गया, उनकी वसूली की कार्रवाई शुरू हो सकती है। साथ ही, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और राशन दुकानों के खिलाफ विभागीय जांच होगी।
एसएस
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