
(रायपुर)छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: श्वह्रङ्ख की बड़ी कार्रवाई, कई ठिकानों पर छापे और जयचंद कोसले गिरफ्तार
- 22-Sep-25 12:04 PM
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रायपुर,22 सितंबर (आरएनएस): छत्तीसगढ़ के चर्चित शराब और कोयला घोटाला मामलों में आर्थिक अपराध शाखा (श्वह्रङ्ख) ने अपनी जांच तेज कर दी है। रविवार को राजधानी रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में कुल 10 जगहों पर छापेमारी की गई। सोमवार को पूर्व ढ्ढ्रस् सौम्या चौरसिया के निजी सचिव रहे जयचंद कोसले को गिरफ्तार कर ्रष्टक्च/श्वह्रङ्ख की विशेष अदालत में पेश किया गया। जयचंद पर आरोप है कि उन्होंने कोयला घोटाले से करीब 50 लाख रुपए की अवैध कमाई की। फिलहाल श्वह्रङ्ख उसकी 14 दिनों की पुलिस रिमांड लेने का प्रयास कर रही है।*शराब घोटाले की जांच में क्या हुआ?*ह्रङ्ख ने शराब कारोबारियों पर भी सख्ती दिखाई है। रायपुर में शराब व्यापारी अवधेश यादव और उनके सहयोगियों के तीन ठिकानों पर छापे मारे गए। छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, नकदी और तकनीकी उपकरण जब्त किए गए हैं। यह जांच अभी जारी है और अब तक कई अहम सबूत मिले हैं।*कोयला घोटाले का विस्तार*श्वष्ठ की जांच में सामने आया है कि राज्य के उच्च पदस्थ राजनेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत से कोयला परिवहन के लिए मिलने वाले ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया और इस प्रक्रिया में कोयला व्यापारीयों से अवैध वसूली की गई।जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच हर टन कोयले पर 25 रुपये की गैरकानूनी रकम वसूली गई। इस घोटाले के पीछे तत्कालीन खनिज विभाग के निदेशक ढ्ढ्रस् समीर बिश्रोई के आदेश का हाथ बताया जा रहा है। यह परमिट कोल व्यापारियों को दिया जाता था ताकि वे कोयला परिवहन कर सकें।*मास्टरमाइंड और घोटाले की रकम*इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी बताया गया है। जिन व्यापारियों ने पैसे दिए, उन्हें खनिज विभाग से पीट और परिवहन पास जारी किया गया। हर टन कोयले पर 25 रुपये की यह रकम सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा होती थी, जिससे करीब 570 करोड़ रुपये की भारी वसूली हुई।*रिश्वतखोरी और राजनीतिक गठजोड़*जांच में यह भी सामने आया है कि इस अवैध धनराशि का एक बड़ा हिस्सा सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत देने में खर्च किया गया। इसके अलावा, यह रकम चुनावी खर्चों में भी इस्तेमाल हुई। आरोपियों ने इस राशि से कई चल-अचल संपत्तियां भी खरीदीं।*छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: क्या है पूरा मामला?*छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के तहत यह आरोप है कि कुछ व्यापारियों और अधिकारियों ने मिलकर नियमों का उल्लंघन करते हुए अवैध तरीके से शराब लाइसेंस और ठेके जारी किए। इस प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार हुआ, जिससे सरकारी खजाने को लाखों रुपये का नुकसान हुआ। आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में भी कई ठिकानों पर छापेमारी की है और जांच जारी है।छत्तीसगढ़ में हुए ये घोटाले सरकार और प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ी, भ्रष्टाचार और राजनीतिक साजिशों को उजागर करते हैं। इन मामलों की जांच अभी भी जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है
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