
(रायपुर)बीमारी से हार मान चुके थे परिजन, उम्मीद बना एसीआई, 60 वर्षीय मरीज को मिला नया जीवन
- 23-Sep-25 09:26 AM
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**कार्डियोलॉजी विभाग ने हृदय के 100% ब्लॉकेज पर दर्ज की जीत, एसीआई में मरीज की सफल एंजियोप्लास्टी**
**एसीआई बना हृदय रोग उपचार का भरोसेमंद केंद्र, पड़ोसी राज्यों से भी मरीज पहुँच रहे उपचार के लिए**
रायपुर, 23 सितंबर (आरएनएस): पं. जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) अब छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्यों के लिए भी हृदय रोग उपचार का प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है। हाल ही में एसीआई के कार्डियोलॉजी विभाग में मध्यप्रदेश निवासी 60 वर्षीय मरीज की चारों नसों में 100% ब्लॉकेज के बाद भी सफल एंजियोप्लास्टी की गई।

परिजनों के अनुसार, मरीज वर्षों से दवाओं के सहारे जीवन जी रहे थे और मध्यप्रदेश के कई प्रमुख अस्पतालों ने एंजियोप्लास्टी करने से इनकार कर दिया था। इस बीच एक परिचित ने बताया कि एसीआई में पूर्व में भी एक जटिल हृदय रोग का सफल उपचार हुआ है। इसी आशा के साथ वे रायपुर पहुँचे।
मरीज ने बताया, "जब बड़े अस्पतालों ने जवाब दे दिया था कि इलाज संभव नहीं, तब एसीआई मेरे लिए अंतिम उम्मीद था। मैंने डॉक्टर से कहा कि जितना भी जोखिम हो, आप इलाज शुरू कीजिए, मैं मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार हूँ।" उन्होंने आगे कहा कि एसीआई के डॉक्टरों ने उन्हें नया जीवनदान दिया।
कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव के नेतृत्व में यह प्रक्रिया राइट फीमोरल एंजियोप्लास्टी के जरिए की गई, जिसमें पूरी तरह ब्लॉक नसों को सफलतापूर्वक खोला गया। मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ हैं और जल्द ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी।
डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि पाँच वर्ष पूर्व भी मध्यप्रदेश से आए एक मरीज की लेजर एंजियोप्लास्टी सफल रही थी। इस बार भी जटिलता को देखते हुए लेजर तकनीक की तैयारी की गई थी, किंतु सामान्य एंजियोप्लास्टी से ही सकारात्मक परिणाम मिल गए।
डीन डॉ. विवेक चौधरी ने मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए विभाग को त्वरित एंजियोप्लास्टी के निर्देश दिए थे।

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