
(रायपुर) आंतरिक शांति के अभाव से ही आज विश्व मे अशांति है - संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज
- 20-Sep-25 02:08 AM
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0 भीतर की अनंत शक्ति का सच्चा ज्ञान स्वयं को जानने से होता है,
रायपुर, 20 सितबंर (आरएनएस)। राजधानी रायपुर के शहीद स्मारक भवन मे आयोजित जय स्वर्वेद कथा एवं ध्यान साधना सत्र में में स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक सुपूज्य संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज ने कहा कि भीतर की अनंत शक्ति का सच्चा ज्ञान स्वयं को जानने से होता है,आंतरिक शांति के अभाव से ही आज विश्व मे अशांति है। भीतर की अनंत शक्ति का सच्चा ज्ञान स्वयं को जानने से होता है। मन को साधें , तो जीवन अपने आप सरल हो जाएगा। बाहर की लड़ाइयाँ भीतर की हार से जन्म लेती हैं।संत प्रवर श्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति अत्यंत समृद्ध है जिसने विरासत के रूप में आध्यात्मिकता को मानव कल्याण के लिए सहज रूप में प्रदान किया है। जो धर्म से लेकर मोक्ष की यात्रा कराती है। जो विश्व की आदि संस्कृति, विश्ववारा संस्कृति है। धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की चतु:सूत्री ही भारतीय संस्कृति का आधार है।आयोजकों ने बताा कि समर्पण दीप अध्यात्म महोत्सव विहंगम योग संत समाज के 102वें वार्षिकोत्सव एवं 25,000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज द्वारा 29 जून को संकल्प यात्रा का शुभारंभ कश्मीर की धरती से हो चुका है।यह संकल्प यात्रा जम्मू - कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, राजस्थान,हरियाणा, चंडीगढ़,उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा के बाद अब छत्तीसगढ़ मे गतिमान है. इसी क्रम में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राष्ट्रव्यापी स्वर्वेद सन्देश यात्रा के रूप में पहुँच चुकी है।25 एवं 26 नवम्बर 2025 को विशालतम ध्यान-साधना केंद्र (मेडिटेशन सेंटर) स्वर्वेद महामंदिर, वाराणसी के पावन परिसर में 25,000 कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होना है। उसी क्रम में यह स्वर्वेद सन्देश यात्रा हो रही है, जिससे अधिक से अधिक लोगों को पूरे भारतवर्ष में लाभ मिल सके।इस अवसर पर प्रमुखरूप से डॉ पूर्णेंदु सक्सेना क्षेत्रीय संघ चालक मध्य भारत, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री लता उसेंडी, रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, योग आयोग अध्यक्ष रूप नारायण सिन्हा, बबन सिंह, कोटेश्वर चापड़ी, मनेश्वर नाग, उमेश पांडे पुरुषोत्तम सपहा,क्रहृ साहू, सुधीर सपहा, योगेश्वरानंद नेताम, शंकर सावरकर, पवन धीवर, प्रेम मिश्रा, हरीश फरीकार , सहित लगभग 2 हजार की संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।

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