
(रायपुर) आदिम जाति विकास विभाग अब नहीं बनेगा अन्य विभागों की योजनाओं का क्रियान्वयन एजेंसी, शासन ने लगाया पूर्ण प्रतिबंध
- 04-Oct-25 06:03 AM
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रायपुर, 04 अक्टूबर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ शासन ने आदिम जाति विकास विभाग से जुड़े अधिकारियों को लेकर एक अहम निर्णय लिया है। अब विभाग के अधिकारियों को अन्य विभागों की योजनाओं या अतिरिक्त मदों के तहत काम करने के लिए क्रियान्वयन एजेंसी नहीं बनाया जाएगा। इस पर अगला आदेश आने तक पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
इस संबंध में आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों और सहायक आयुक्तों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि यह निर्णय विभागीय कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप, देरी, नियमों की अनदेखी और छवि को नुकसान से बचाने के उद्देश्य से लिया गया है। प्रमुख सचिव ने अपने आदेश में उल्लेख किया है कि पूर्व में जिलों में डीएमएफ, सीएसआर, सांसद-विधायक निधि और अन्य योजनाओं के तहत कई बार आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों से अन्य विभागों के कार्य भी कराए गए। इसके लिए विभाग के सहायक आयुक्त या जनपद पंचायत के सीईओ को जिम्मेदारी दी जाती रही। लेकिन अन्य विभागों के नियमों की पूरी जानकारी न होने के कारण प्रक्रियागत गलतियां सामने आईं, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली प्रभावित हुई और कई मामलों में अनियमितता, देरी और गड़बडिय़ां पाई गईं। कुछ जिलों में तो इस वजह से संबंधित अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू, ईडी और पुलिस में शिकायतें भी दर्ज हुई हैं, जिससे विभाग की साख को ठेस पहुंची है। सोनमणि बोरा ने कहा कि विभाग पहले से ही केंद्र व राज्य सरकार की कई अहम योजनाओं पर कार्य कर रहा है और सीमित संसाधनों के साथ समय पर इन्हें पूरा करना अपने आप में बड़ी चुनौती है। इसलिए निर्णय लिया गया है कि फिलहाल अन्य विभागों के कार्यों की जिम्मेदारी आदिम जाति विकास विभाग को न दी जाए।
हालांकि, यदि किसी अन्य मद से आदिवासी विकास विभाग से संबंधित ही कोई कार्य कराया जाना हो, तो उसकी प्रशासनिक और तकनीकी स्वीकृति, सामग्री की उपलब्धता (जेम पोर्टल के माध्यम से) और निविदा प्रक्रिया से जुड़ी सभी शर्तें पूरी करना जरूरी होगा। इसके अलावा अगर तकनीकी विशेषज्ञ विभाग में उपलब्ध नहीं हैं, तो जिला प्रशासन को इसकी व्यवस्था स्वयं करनी होगी।
साथ ही, ऐसे कार्य जिनके लिए शासन स्तर पर पहले से किसी एजेंसी की नियुक्ति हो चुकी है (जैसे कि क्रेडा), उन्हें आदिवासी विकास विभाग से नहीं कराया जाएगा। प्रमुख सचिव ने अधिकारियों को समय-समय पर वित्तीय नियमों, क्रय प्रक्रिया, निर्माण कार्यों से जुड़े नियमों और जेम पोर्टल के बारे में खुद को अपडेट रखने के भी निर्देश दिए हैं। इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की बात भी कही गई है।
बंछोर
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