(रायपुर) ईओडब्ल्यू की शराब और कोयला कारोबारी के ठिकानों पर दबिश, रायपुर-बिलासपुर समेत 10 ठिकानों पर छापा
- 21-Sep-25 07:30 AM
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0 एसीबी की टीम ने खंगाल रही है दस्तावेज
रायपुर, 21 सितंबर (आरएनएस)। ईओडब्ल्यू की टीम ने रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में कई शराब और कोयला कारोबारी के ठिकानों पर छापा मारा। रायपुर में 3-4 ठिकानों समेत प्रदेश में कुल 10 ठिकानों पर कार्रवाई जारी है।
ईओडब्ल्यू की टीम ने तड़के जांजगीर में कोयला घोटाले के मामले में छापेमारी की। 12 सदस्यीय टीम ने शहर के विभिन्न हिस्सों में दबिश दी। खासकर कोयला व्यापारी जयचंद कोसल के घर पर रेड की गई। टीम ने अकलतरा के अंबेडकर चौक स्थित उनके निवास स्थल पर कार्रवाई की। सूचना मिलने के बाद आसपास हड़कंप मच गया।
जय चंद के पिता खनिज विभाग में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ हैं। ईओडब्ल्यू की कार्रवाई से इलाके में तनाव का माहौल बन गया और सुबह-सुबह पुलिस और अधिकारियों के पहुंचने से लोग दंग रह गए। अधिकारियों ने मौके पर आवश्यक दस्तावेज और रिकॉर्ड जब्त किए। मामले की आगे की जांच जारी है। वहीं दूसरी ओर शराब घोटाला में ईओडब्ल्यू ने प्रदेश के रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर स्थित शराब कारोबारियों के 10 ठिकानों पर छापेमारी की है। राजधानी में 3 से 4 ठिकानों पर दबिश दी गई है, जिसमें रायपुरा के शिव विहार कॉलोनी स्थित शराब कारोबारी अवधेश यादव का घर भी शामिल है। जांच में सामने आया है कि इस घोटाले की राशि को सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को रिश्वत देने में खर्च किया गया. साथ ही चुनावी खर्चों के लिए भी इस अवैध राशि का इस्तेमाल किया गया। आरोपियों ने इससे कई चल-अचल संपतियों को खरीदा।
क्या है कोयला लेवी मामला
दरअसल, राज्य के वरिष्ठ राजनेताओं और नौकरशाहों से मिलीभगत के बाद कुछ लोगों ने ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफ लाइन कर कोयला ट्रांसपोर्ट करने वालों से हर टन पर 25 रुपये की अवैध लेवी वसूली गई। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक समीर बिश्रोई ने ऑफ लाइन करने का आदेश जारी किया गया था। कोल परिवहन के लिए कोल व्यापारियों को यह परमिट दिया जाता था। पूरे मामले का मास्टरमाइंड कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया, इसमें जो व्यापारी पैसे देता उसे ही खनिज विभाग से पीट और परिवहन पास जारी होता था। यह रकम 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा होती थी, इस तरह से घोटाला कर कुल 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई।
एसएस
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