(रायपुर) छत्तीसगढ़ में पुराने वाहनों की खरीदी-बिक्री पर अब लगेगा 1 प्रतिशत टैक्स, दिल्ली से आ रही लग्जरी गाडिय़ों के व्यापार को झटका

  • 04-Oct-25 06:04 AM


रायपुर, 04 अक्टूबर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ में अब पुराने वाहनों की खरीदी-बिक्री पर नया नियम लागू कर दिया गया है। परिवहन विभाग ने आदेश जारी करते हुए सभी प्रकार के पुराने वाहनों—चाहे वह बाइक हो, कार, ट्रक या मालवाहक—की मालिकाना हक (नामांतरण) प्रक्रिया से पहले 1 प्रतिशत टैक्स देना अनिवार्य कर दिया है। इससे दिल्ली से लाकर छत्तीसगढ़ में बेची जाने वाली लक्जरी गाडिय़ों के व्यापार पर सीधा असर पड़ेगा, जो पिछले कुछ सालों से तेजी से फल-फूल रहा था।
दिल्ली में 15 साल पुराने वाहनों पर प्रतिबंध के कारण, वहां की पुरानी लग्जरी गाडिय़ां कम कीमत में बेची जा रही थीं। छत्तीसगढ़ में पर्यावरण मानकों में नरमी और री-रजिस्ट्रेशन की सहूलियत के चलते इन्हें आसानी से यहां चलाया जा सकता था। यही वजह थी कि रायपुर सहित प्रदेश में इन गाडिय़ों का कारोबार खूब बढ़ा। लेकिन अब परिवहन विभाग के नए नियम के तहत, वाहन मालिक का नाम ट्रांसफर करने से पहले 1 फीसदी टैक्स देना अनिवार्य कर दिया गया है।
क्या है नया नियम?
अब पुराने वाहन की खरीदी-बिक्री पर शोरूम कीमत के आधार पर 1 प्रतिशत टैक्स देना होगा।
उदाहरण: अगर किसी वाहन की शोरूम कीमत 10 लाख है, तो नाम ट्रांसफर से पहले 10,000 रुपये टैक्स देना होगा।
यह टैक्स प्रत्येक बार नामांतरण पर लगेगा, यानी एक ही गाड़ी कितनी बार भी बिके, हर बार 1 प्रतिशत टैक्स अनिवार्य होगा।
बिना टैक्स अदा किए आरटीओ के ऑनलाइन सिस्टम में नाम ट्रांसफर की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी।
दिल्ली की गाडिय़ों पर सीधा असर
दिल्ली से सस्ते दामों पर खरीदी गई लग्जरी गाडिय़ां अब रायपुर में पहले जैसी मार्जिन पर नहीं बिक पाएंगी क्योंकि इन पर भी 1प्रतिशत टैक्स देना अनिवार्य कर दिया गया है। अब एजेंटों और कारोबारियों को पहले से ज्यादा लागत चुकानी पड़ेगी।
कितना बड़ा बाजार है पुरानी गाडिय़ों का?
छत्तीसगढ़ में हर साल लगभग 1.5 लाख पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री होती है:
 55 प्रतिशत दोपहिया वाहन (बाइक, स्कूटर आदि)
 25 प्रतिशत कार और छोटे चार पहिया वाहन
 20 प्रतिशत ट्रक, मालवाहक और अन्य भारी वाहन
इस टैक्स का असर विशेष रूप से दोपहिया और कार खरीदारों पर पड़ेगा, क्योंकि यही वर्ग सबसे ज्यादा लेन-देन करता है।
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