
(रायपुर) छत्तीसगढ़ में व्यापारियों को राहत : पुराने टैक्स मामलों में छूट, जीएसटी नियमों में संशोधन
- 12-Jul-25 01:39 AM
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रायपुर, 12 जुलाई (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ सरकार ने छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। राज्य में 10 साल से अधिक समय से लंबित वैट देनदारियों को खत्म करने की योजना बनाई गई है। इसके तहत 25 हजार रुपये तक के पुराने टैक्स मामलों को माफ किया जाएगा, जिससे प्रदेश के करीब 40 हजार व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा। इससे करीब 62 हजार से अधिक कानूनी मुकदमों की संख्या भी घटेगी।
यह निर्णय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई हालिया मंत्रिपरिषद बैठक में लिया गया। इस बैठक में छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक और बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान संशोधन विधेयक 2025 के प्रारूप को मंजूरी दी गई। इन दोनों विधेयकों को आगामी विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा।
मंत्रिपरिषद की बैठक में जीएसटी कानून में भी कई अहम संशोधन को मंजूरी दी गई है :
आईजीएसटी रिवर्स चार्ज क्रेडिट वितरण की अनुमति : अब इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर (ढ्ढस्ष्ठ) द्वारा प्राप्त रिवर्स चार्ज क्रेडिट को संबंधित ब्रांच में ट्रांसफर किया जा सकेगा। इससे जीएसटी में आ रही व्यावहारिक दिक्कतों को दूर किया जा सकेगा।
अपील के लिए डिपॉजिट में राहत : जिन मामलों में केवल जुर्माने (पेनाल्टी) की बात है और टैक्स डिमांड शामिल नहीं है, उन मामलों में अपील करने के लिए जरूरी अग्रिम जमा राशि को 20त्न से घटाकर 10त्न कर दिया गया है।
वाउचर से जुड़े टैक्स नियमों में स्पष्टता : टाइम ऑफ सप्लाई का प्रावधान हटाया गया है ताकि वाउचर से संबंधित कर नियमों में एकरूपता लाई जा सके, क्योंकि इससे जुड़े फैसलों में अलग-अलग राय देखने को मिली थी।
ट्रेस एंड ट्रैक सिस्टम : तंबाकू जैसे हानिकारक उत्पादों के लिए निर्माण से लेकर बिक्री तक पूरे सप्लाई चेन पर निगरानी रखने के लिए ट्रेस एंड ट्रैक प्रणाली लागू की गई है।
विशेष आर्थिक क्षेत्रों को बढ़ावा : वेयरहाउस में रखे सामानों की बार-बार बिक्री के बावजूद अगर उनका भौतिक स्थानांतरण नहीं हो रहा, तो ऐसे लेनदेन को त्रस्ञ्ज से बाहर रखने का संशोधन भी किया गया है। इससे स्पेशल इकोनॉमी जोन को और अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
इन सभी बदलावों का मकसद इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देना और व्यापारियों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाना है।
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