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0-कमीशन के खेल में अधिकारी एवं ठेकेदारों ने खुल कर किया फंड का दुरूपयोग
रायपुर, 09 अक्टूबर(आरएनएस)। छत्तीसगढ़ में कोयला, शराब तथा डीएम फंड घोटाले की जांच कर रही ईडी की डीएम फंड से सप्लायरों का काम करने वाले पर ढेरी नजर रखी हुई है। राज्य शासन द्वारा राज्य खनिज निधि के माध्यम से सप्लायरों द्वारा बड़ी संख्या में घोटाला एवं घपला करने की शिकायते मिली है।
मिली जानकारी के अनुसार राज्य में कलेक्टरों को डीएम फंड से खरीदी के लिए विशेष अधिकार दिया गया था। केन्द्र सरकार द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई थी। कोरोना संकट काल में दवा उपकरण सहित अन्य खरीदियां की गई थी। सबसे ज्यादा शिकायतें दंतेवाड़ा जिले में आई है, जहां पर डीएम फंड 200 करोड़ का है। इसके अलावा बालोद में 1363 करोड़ का डीएम फंड है। बलौदाबाजार जिले में भी 6 से अधिक सीमेंट प्लांट होने के कारण यहां पर भी डीएमफंड है। इसके पश्चात कोरबा, चांपा, जांजगीर तथा रायगढ़ का नंबर आता है। इस समय सभी सप्लायर कलेक्टरों का चक्कर काटते रहते हैं। कोयला लेवी वसूली में कई आएएस अधिकारी सहित अन्य नेता जेल के अंदर हैं। वहीं सट्टा के संचालक भी फिलहाल जेल की हवा खा रहे हैं। शराब घोटाला तथा कस्टम मिलिंग को लेकर दो पूर्व आईएएस अधिकारी अंदर हैं।
ईडी तथा ईओडब्ल्यू द्वारा घपला में दोषी लोगों से पूछताछ के बाद पता चला है कि राज्य में अधिकारियों एवं सप्लायरों का एक कार्टेल बना हुआ था, जो कि विभिन्न जिलों में सप्लाई का काम करते थे। इसके एवज में कई कलेक्टरों ने महंगी उपकरण सहित कार भी गिफ्ट में ली है। ईडी इस संबंध में पूरी जानकारी ले रही है। बताया जाता है कि शीघ्र ही विभिन्न जिला में डीएम फंड से खरीदी करने वाले एवं सप्लायरों से पूछताछ की जाएगी। डीएमफंड का उपयोग कलेक्टर के अलावा जनपद सीईओ तथा अन्य अधिकारी कर रहे हैं। कमीशन बाजी के खेल में कई अधिकारी तथा कार्यकर्ता जेल के अंदर हैं। बताया जाता है कि ईडी और ईओडब्ल्यू डीएम फंड से विभिन्न विभागों में उपकरण सहित अन्य सामानों की आपूर्ति करने वाले सप्लायरों पर कठोर कार्यवाही करेगी।
आर. शर्मा
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