(रायपुर) तीन दिवसीय लौह शिल्प प्रदर्शनी का सफल समापन, उत्पादों को मिला उत्साहजनक प्रतिसाद

  • 11-Oct-25 03:20 AM

रायपुर, 11 अक्टूबर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ लौह एवं शिल्पकार विकास बोर्ड द्वारा राजधानी रायपुर के टाउन हॉल में आयोजित तीन दिवसीय लौह शिल्प प्रदर्शनी सह बिक्री केंद्र का समापन आज संपन्न हुआ। 9 से 11 अक्टूबर तक चली इस प्रदर्शनी में राज्य के विभिन्न अंचलों से आए शिल्पकारों द्वारा लोहे से निर्मित हस्तशिल्प वस्तुओं का प्रदर्शन और विक्रय किया गया। कार्यक्रम का आयोजन वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया था, जिससे शिल्पकारों को बाजार, पहचान और उचित मूल्य मिल सके। समापन अवसर पर दक्षिण विधान सभा के विधायक श्री सुनील सोनी ने कहा कि ऐसी आयोजनों से बस्तर सरगुजा जैसे सुदूर अंचलों में निवासरत ग्रामीणों को एक अच्छा बाजार मिलता है। जिससे वह अपनी बनाई हुए वस्तुओं को उचित कीमत में बेच सके। वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे कलाकारों को और अधिक प्रोत्साहन देने के लिए राजधानी के आस पास कहीं भी कोई जमीन जिसमें ऐसे कलाकारों को हाट बाजार,प्रशिक्षण केंद्र आदि शुरू करना हो तो अवश्य दिया जाएगा। साथ ही श्री सुनील सोनी जी ने अपनी विधायक निधि से 10 लाख रुपए की राशि भी बोर्ड को प्रदान करने की घोषणा भी की। ग्रामीण विधान सभा के विधायक मोतीलाल साहू ने कहा कि लौह शिल्पकारो ने के द्वारा निर्मित वस्तुओं की प्रसिद्धि पूरे विश्व में है। यह आए सभी शिल्पकारों को बोर्ड के अध्यक्ष एवं अधिकारी गणों को इस सफल आयोजन की शुभकामनाएं देता हु। साथ ही भविष्य में लौह शिल्पकला को बढ़ाने के हर संभव प्रयास मेरे द्वारा किया जाएगा। प्रदेश के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा जी ने लौह शिल्प प्रदर्शनी एवं कलाकारों की खूब सराहना की उन्होंने कहा कि प्रदेश में कला की कोई कमी नहीं है। इन हस्त निर्मित वस्तुओं,एवं शिल्पकारों को राजधानी रायपुर के घासीदास संग्रहालय एवं नया रायपुर में प्रशिक्षण एवं बिक्री हेतु  उचित स्थान के साथ सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। लौह शिल्पकला बोर्ड के अध्यक्ष प्रफुल्ल विश्वकर्मा जी ने बताया कि पूरे विश्व में छत्तीसगढ़ का लोहा अद्भुत एवं अत्याधिक मांग वाला खनिज है।आत्म निर्भर भारत अभियान के अंतर्गत वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए लौह शिल्प कला बोर्ड द्वारा पूरे छत्तीसगढ़ में लोहे से हस्त निर्मित वस्तुओं का निर्माण करने वाले कारीगरों,कलाकारों को एक पहचान दिलवाने एवं उनके द्वारा निर्मित वस्तुओं को सही कीमत एवं बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह 3 दिवसीय प्रदर्शनी एवं बिक्री केंद्र का आयोजन किया गया था और बड़ी संख्या में उत्पादकों को ऑर्डर प्राप्त हुए हैं। इस तीन दिवसीय आयोजन में आम नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं शिल्पप्रेमियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। उत्पादों की अच्छी बिक्री हुई और अग्रिम ऑर्डर भी प्राप्त हुए।


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