(रायपुर) दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी-जुकाम की दवा न देने स्वास्थ्य मंत्रालय की सख्त हिदायत

  • 06-Oct-25 01:49 AM

0 राज्य ने शुरू की सघन निगरानी
रायपुर, 06 अक्टूबर(आरएनएस)। दो साल से कम उम्र के बच्चों के लिए खांसी और सर्दी-जुकाम की दवाएं अब खतरे का कारण बन सकती हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस संबंध में महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी करते हुए स्पष्ट कहा है कि दो वर्ष से कम आयु के शिशुओं को किसी भी तरह की कफ सिरप या कोल्ड मेडिकेशन न दी जाए। यहां तक कि पांच साल तक के बच्चों को भी ऐसी दवाएं आमतौर पर न देने की सलाह दी गई है।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत उठाया कदम
एडवाइजरी के जारी होते ही छत्तीसगढ़ सरकार सक्रिय हो गई। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी सीएमएचओ और सिविल सर्जनों को निर्देश जारी कर कहा है कि इस एडवाइजरी का कड़ाई से पालन कराया जाए। सभी सरकारी और निजी अस्पतालों व क्लीनिकों को चेतावनी दी गई है कि बच्चों को कोई भी दवा केवल डॉक्टर की सलाह पर ही दी जाए।
स्वास्थ्य सेवाओं के आयुक्त ने इस मुद्दे पर एक उच्चस्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर सभी जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे इस दिशा में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें।
विशेषज्ञों की सलाह : दवा नहीं, सही देखभाल जरूरी
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार छोटे बच्चों में खांसी-जुकाम जैसी समस्याएं अक्सर सामान्य होती हैं और दवा दिए बिना भी ठीक हो जाती हैं। कई बार दवाएं नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए अभिभावकों से भी अपील की गई है कि वे डॉक्टर की सलाह के बिना बच्चों को कोई भी दवा न दें।
राज्य की दवा आपूर्ति पर भी निगरानी तेज
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (सीजीएमएससी) की रिपोर्ट के अनुसार, जिन दो फार्मा कंपनियों के खिलाफ अन्य राज्यों में कार्रवाई की गई है, उनकी राज्य में किसी प्रकार की सरकारी आपूर्ति नहीं है और वे कॉरपोरेशन के डेटा में पंजीकृत भी नहीं हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य की सरकारी दवा आपूर्ति व्यवस्था फिलहाल सुरक्षित और पारदर्शी है।
दवा दुकानों और निर्माण इकाइयों पर सघन जांच शुरू
भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव द्वारा 5 अक्टूबर को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद छत्तीसगढ़ के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने भी कार्रवाई तेज कर दी है। राज्यभर में औषध निर्माण इकाइयों की जोखिम आधारित जांच (रिश्क बेस्ड इंस्पेक्शन)की जा रही है।
औषधि निरीक्षकों और सहायक नियंत्रकों को आदेश दिया गया है कि वे फार्मेसियों और मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि कहीं बच्चों को लेकर जारी निर्देशों का उल्लंघन तो नहीं हो रहा। निजी मेडिकल दुकानों पर आकस्मिक छापे भी डाले जा रहे हैं।
अभिभावकों से अपील
स्वास्थ्य विभाग ने सभी अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चों को किसी भी तरह की कफ सिरप या ठंड-जुकाम की दवाएं न दें। यह कदम शिशुओं की सुरक्षा और दवा के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए बेहद जरूरी है।
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