(रायपुर) नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के उठाए सवालों का चुनाव आयोग करें निराकरण : दीपक बैज

  • 19-Sep-25 09:34 AM

रायपुर, 19 सितबंर (आरएनएस)।  प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि लोकसभा में नेताप्रतिपक्ष द्वारा मतदाता गहन सूची परीक्षण के संबंध में लगाए गए आरोपा का निराकरण भारत निर्वाचन आयोग को करना चाहिए।

आज कांग्रेस भवन में आयोजित पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दूसरी बार प्रेस कांफ ्रेंस कर मतदाता सूची में की गई गड़बडिय़ों का साक्ष्य प्रस्तुत किया है। पहली प्रेस कांफ्रेंस में 7 अगस्त को राहुल गांधी जी ने साबित किया था महाराष्ट्र, कर्नाटक में बड़ी संख्या में फर्जी मतदाताओं को जोड़ा गया था।

बैज ने आयोजित पत्रकारवार्ता में कहा कि कल की प्रेस कांफ्रें स में राहुल  ने साबित किया कि जानबूझ कर मतदाताओ के नाम काटे गए। सॉफ्टवेयर का उपयोग कर के कर्नाटक की अलंग विधानसभा में 6018 वोटर के नाम डिलीट किए गए। एक मोबाइल से 12 मिनट में 14 वोटरों के नाम काटे गए। 2018 के विधानसभा चुनाव में जिन बूथों में कांग्रेस जीती थी वहां के नाम काटे गए। राहुल गांधी के आरोपों का तथ्यात्मक जवाब देने के बजाय चुनाव आयोग बहाने बाजी कर रहा है ।

कांग्र्रेस के आंदोलन को जनता का मिला समर्थन

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि 16 सितम्बर से 18 सितंबर तक प्रभारी सचिन पायलेट की उपस्थिति में कांग्रेस ने रायगढ़ से भिलाई तक वोट चोर गद्दी छोड़ कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में हस्ताक्षर अभियान, पदयात्रा, मशाल रैली, जनसभाएं, मोटर सायकल रैली निकाला गया। रायगढ,़ कोरबा, रतनपुर, तखतपुर, मुंगेली, बेमेतरा, राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई सभी जगह हमारे कार्यक्रमों में स्वस्फ ूर्त बड़ी संख्या में लोग आए। पूरे प्रदेश में कांग्रेस के इस कार्यक्रम में भागीदारी करके यह बता दिया कि वह भाजपा की वोट चोरी के खिलाफ  है ।

भाजपा सरकार के मंत्री पार्टी पदाधिकारियों से नहीं मिल रहे आम आदमी की छोड़ो
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सत्ता के नशे में भाजपाई मंत्री और सरकार में बैठे हुए लोग खुद को खुदा समझने लगे है। बताते है कि भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के लोग महीनों से मंत्री चौधरी से समय मांग रहे थे अंतत: उनके पीए ने मिलने का समय दिया। जब पदाधिकारी मिलने मंत्री के निवास पहुंचे तो उन्हें 45 मिनट तक गेट पर रोके रखा गया। किसी तरह मिन्नते करने के बाद जब वे अंदर गए तब घंटों इंतजार के बाद भी मंत्री महोदय अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मिलने नहीं बुलाए बेचारे अपमानित और आहत हो कर उनके निवास से बिना मिले ही चले आए। सोचिए जब भाजपा के नेताओं के साथ यह व्यवहार हो रहा है, तब कार्यकर्ताओं और आम जनता के साथ क्या हो रहा होगा?
आर. शर्मा

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