(रायपुर) परिजनों का आरोप डिलीवरी उपरांत पेट में लगे स्टीट्चेस खुले,

  • 26-Sep-25 01:32 AM

० प्रबंधन का कहना नहीं हुई लापरवाही
रायपुर, 26 सितम्बर (आरएनएस)। राजधानी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में शुक्रवार को बड़ी लापरवाही सामने आई है। 13 सितंबर को एक महिला की डिलीवरी की गई थी। नवजात बच्चे की कंडीशन भी गंभीर थी। मेकाहारा में पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के बाद बच्चे को प्राइवेट हॉस्पिटल में शिफ्ट करना पड़ा, वहीं डिलीवरी के लिए मेकाहारा के डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर मां को स्टीट्चेस लगाए थे जो खुल गए। जिसके बाद परिजन महिला को अस्पताल लेकर पहुंचे थे, उनका आरोप है कि अस्पताल में कोई डॉक्टर उसे देखा नहीं। स्टीच काटने के बाद अचानक 25 सितंबर खुल गए। मरीज के पति तबरेज ने बताया कि कल रात से उनकी पत्नी दर्द में है, लेकिन अब तक कोई डॉक्टर उसे देखने नहीं पहुंचा है। इस तरह इलाज में लापरवाही किए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि कोई लापरवाही नहीं की गई है। प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से महिला मरीज के टांके खुलने के प्रकरण में अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विशेषज्ञ डॉ. रुचि किशोर गुप्ता ने जानकारी दी। गर्भावस्था के सातवें माह में गंभीर सर्जरी से डिलीवरी, डॉ. गुप्ता ने विस्तार से बताते हुए कहा कि महिला 13 सितम्बर की आधी रात, साढ़े सात माह की गर्भावस्था के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव की गंभीर स्थिति में अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा सेवा के माध्यम से भर्ती किया गया था। महिला को प्लेसेंटा परक्रिटा की समस्या थी (ऐसी स्थिति में प्लेसेंटा बच्चेदानी की दिवारों को नष्ट कर बाहर निकल जाता है)। यह स्थिति बेहद गंभीर एवं जानलेवा होती है। मरीज का इसके पहले तीन बार सिजेरियन ऑपरेशन हो चुका था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत महिला का ऑब्स हिस्ट्रेक्टोमी किया गया। इस दौरान मरीज को 14 यूनिट ब्लड प्रोडक्ट दिए गए। सफल ऑपरेशन के बाद महिला की स्थिति में सुधार हुआ और 18 सितम्बर को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। डिस्चार्ज के बाद 22 सितम्बर को घर में कमजोरी लगने के कारण महिला को पुन: अस्पताल में लाया गया। मरीज को तुरंत यथोचित उपचार दिया गया एवं जांच में मरीज का टांका ऊपरी तौर पर खुला पाया गया परंतु अंदर से टांका जुड़ चुका था। मरीज की पिछले 4 ऑपरेशन हुए हैं। मरीज को खून की कमी थी जिसके लिये उसको 14 यूनिट ब्लड प्रोडक्ट दिये गये थे एवं मरीज में पोषण की भी कमी है जो कि टांके के ऊपरी तौर पर खुलने का कारण हो सकते है। जिसके लिये मरीज को आवश्यक दवाएं और एंटीबायोटिक शुरू की गई हैं। साथ ही योजना बनाई गई है कि घाव की स्थिति ठीक होने पर पुन: टांका लगाया जाएगा। फिलहाल मरीज को निरंतर चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया है एवं मरीज स्वास्थ्य लाभ कर रही है। त्रिपाठी




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