(रायपुर) बस्तर हुआ नक्सल मुक्त, दो दिन में 258 ने डाले हथियार: केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने बताया ऐतिहासिक

  • 16-Oct-25 01:27 AM

० कहा- हम 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध
रायपुर, 16 अक्टूबर (आरएनएस)। नक्सलवाद के खिलाफ सरकार और सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर को नक्सल मुक्त घोषित करते हुए बताया कि करीब 170 नक्सलियों ने प्रशासन के समक्ष सरेंडर कर दिया है। गृहमंत्री ने इतने बड़े नक्सली सरेंडर के चलते आज के दिन को ऐतिहासिक बताया और 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त कराने के वादे को भी दोहराया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर नक्सलियों के सरेंडर से जुड़े मुद्दे पर अहम पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक ऐतिहासिक दिन। आज छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। कल राज्य में 27 ने हथियार डाल दिए थे। महाराष्ट्र में कल 61 नक्सली मुख्यधारा में लौट आए। केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने एक्स पर लिखा, पिछले दो दिनों में कुल मिलाकर 258 युद्ध-प्रशिक्षित वामपंथी उग्रवादियों ने हिंसा का त्याग किया है। मैं भारत के संविधान में विश्वास रखते हुए हिंसा का त्याग करने के उनके निर्णय की सराहना करता हूं। यह इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के इस समस्या को समाप्त करने के अथक प्रयासों के कारण नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें ले रहा है। अमित शाह ने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में लिखा, हमारी नीति स्पष्ट है। जो लोग आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उनका स्वागत है और जो लोग बंदूक चलाना जारी रखेंगे, उन्हें हमारी सेना के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा। मैं उन लोगों से फिर से अपील करता हूं जो अभी भी नक्सलवाद के रास्ते पर हैं कि वे अपने हथियार डाल दें और मुख्यधारा में शामिल हो जाएं। हम 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर को नक्सल मुक्त घोषित करते हुए एक्स पर लिखा- यह अत्यंत हर्ष की बात है कि एक समय आतंक का गढ़ रहे छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और नॉर्थ बस्तर को आज नक्सली हिंसा से पूरी तरह मुक्त घोषित कर दिया गया है। अब छिटपुट नक्सली केवल साउथ बस्तर में बचे हुए हैं, जिन्हें हमारी सुरक्षा बल शीघ्र ही समाप्त कर देंगे। गृहमंत्री ने यह भी बताया कि जनवरी 2024 से छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने के बाद 2100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इसके अलावा 1785 गिरफ्तार किए गए हैं और 477 का मार गिराया गया है। ये आंकड़े 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के हमारे दृढ़ संकल्प का प्रतिबिंब हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, उत्तर बस्तर और अबूझमाड़ हुए नक्सलमुक्त, बस्तर में शांति और विकास का नया युग। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आपका आभार, आपने देशभर में चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान की ऐतिहासिक सफलता को रेखांकित किया। बीते दो दिनों में 258 नक्सलियों का आत्मसमर्पण इस बात का प्रतीक है कि बंदूक नहीं, विश्वास की शक्ति जीत रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज नक्सलवाद के अंत की दहलीज़ पर है। छत्तीसगढ़ में पिछले 22 महीनों में 477 नक्सली न्यूट्रलाइज किए गए, 2110 ने आत्मसमर्पण किया और 1785 गिरफ्तार हुए हैं जो हमारे छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त करने के अडिग संकल्प का प्रमाण है। 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य अब बहुत निकट है। यह परिवर्तन हमारी नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्ला नार योजना की सफलता का प्रमाण है। डबल इंजन सरकार की संवेदनशील नीतियों, बस्तर में स्थापित हो रहे सुरक्षा शिविरों तथा वनांचलों में शासन के प्रति बढ़ते विश्वास ने ही इस सकारात्मक परिवर्तन को संभव बनाया है। हमारी सरकार के प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 64 सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं, जिनसे न केवल सुरक्षा सुदृढ़ हुई है, बल्कि विकास और विश्वास की किरण भी हर गांव तक पहुँची है। मैं हमारे सुरक्षाबलों के अदम्य साहस और बलिदान को नमन करता हूँ। बस्तर अब भय का नहीं, विश्वास का प्रतीक बन चुका है। अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर नक्सल आतंक से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं, जबकि दक्षिण बस्तर में यह लड़ाई अपने निर्णायक मोड़ पर है। नियद नेल्ला नार जैसी योजनाओं ने बस्तर में संवाद, विकास और संवेदना की नई धरती तैयार की है। सरकार की नीति दो टूक है, हिंसा का कोई स्थान नहीं। जो नक्सली शांति और विकास का रास्ता चुनना चाहते हैं, उनका स्वागत है। लेकिन जो बंदूक उठाकर समाज में आतंक फैलाने की कोशिश करेंगे, उन्हें हमारी सुरक्षा बलों की सख़्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। हिंसा की राह अंतहीन पीड़ा देती है, जबकि आत्मसमर्पण एक नई शुरुआत का रास्ता खोलता है। मैं सभी नक्सलियों से अपील करता हूँ -अपनी मातृभूमि के भविष्य के लिए, अपने परिवारों के उज्जवल कल के लिए, हथियार छोड़ें और विकास की रोशनी में कदम रखें।


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